- फ‌र्स्ट फेज में कैंसर की पहचान के लिए 14 जिलों में स्क्रीनिंग की व्यवस्था

PATNA:बिहार में हर वर्ष करीब 1.40 लाख कैंसर केस मिल रहे हैं। इसमें भी दो तिहाई से अधिक मामलों की जानकारी एडवांस स्टेज में मिलती है। गुरुवार को यह बातें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहीं। वे राज्य स्वास्थ्य समिति सभागार में राज्य के 14 जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग सह जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत अवसर पर बोल रहे थे। फिलहाल चार जिलों नालंदा, सिवान, मुजफ्फरपुर और भोजपुर जिले में यह अभियान शुरू की गई है।

लोगों में जागरुकता की कमी

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, डॉ। कौशल किशोर और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ.रविकांत के साथ ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री राजकुमार सिंह भी जुड़े हुए थे। मंगल पांडेय ने कहा कि कैंसर को लेकर लोगों के अंदर जागरूकता की काफी कमी है। समुदाय स्तर पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था का ना होना, तंबाकू उत्पादों का बड़े पैमाने पर उपयोग इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्टरी का दूसरा केंद्र शुरू किया जाएगा।

शुरू में ही जांच जरूरी : राजकुमार सिंह

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि बिहार में कुछ वर्षो में कैंसर पेशेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस पर लगाम तभी लग सकती है जब शुरुआती दौर में ही इसकी जांच की व्यवस्था हो। उन्होंने 14 जिलों में कैंसर की स्क्रीनिंग के साथ जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने की सराहना की। प्रदेश के 14 जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग व जागरूकता कार्यक्रम चलेगा। जिसमें टाटा मेमोरियल व रूरल इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन मदद करेंगे।

इन जिलों में होनी है स्क्रीनिंग

पटना

औरंगाबाद

बेगूसराय

भागलपुर

भोजपुर

दरभंगा

गया

मधुबनी

नालंदा

समस्तीपुर

सिवान

सुपौल

वैशाली

मुजफ्फरपुर