-चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देना पड़ा महंगा

PATNA: चुनाव खर्च का ब्योरा 27 नेताओं द्वारा तय समय में नहीं दिए जाने को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। 27 नेताओं के चुनाव लड़ने पर 3 साल के लिए रोक लगा दी गई है। तय सीमा 30 दिन के अंदर खर्च का ब्योरा नहीं देने का भी सही कारण भी नहीं बता सके थे। इसलिए आयोग ने इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है।

अधिकारियों को भेजी लिस्ट

आयोग ने जिन कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की है, उनसे संबंधित जिलों में अधिकारियों को लिस्ट भेजी गई है। प्रतिबंधित सभी नेताओं को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 (क) के तहत चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया है। ये 27 नेता बिहार के 17 विधानसभा क्षेत्र से जुड़े हैं।

30 दिन में देना होता है खर्च ब्योरा

चुनाव परिणाम आने के 30 दिन बाद अगर कोई कैंडिडेट चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देते हैं तो चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 के तहत उस कैंडिडेट पर प्रतिबंध लगा सकता है। चुनावी खर्च का ब्यौरा 30 दिन में नहीं देने या जायज कारण नहीं बताने की स्थिति में चुनाव आयोग उस कैंडिडेट को 3 वर्ष की अवधि के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकता है। जिन 27 कैंडिडेट्स पर 3 वर्ष के लिए प्रतिबंधित लगाया गया है। उसकी अवधि 2022 में पूरी हो रही है।