PATNA: सरकार बिजली की बचत को लेकर खासा ध्यान दे रही है। इसके लिए क्ब्8 नगर निकायों में लगे फ्.भ्0 करोड़ स्ट्रीट लाइट की जगह (लाइट एमिटिंग डायोड) बल्ब लगाने का फैसला लिया गया है। नगर विकास एवं आवास विभाग के पहल से नगर निकायों को पांच हजार करोड़ रुपए और नौ हजार मिलियन यूनिट बिजली की बचत होगी। एलईडी लगाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के उपक्रम एनर्जी इफिशिएन्सी सर्विसेज लिमिटेड (ईईसीएल) को सौंपी गई है। एलईडी लगाने और सात साल तक इसके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ईईसीएल की होगी। भ्0 फीसदी तक की होगी बचत सरकार का आकलन है कि पारंपरिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी लगाने के बाद बिजली बिल में भ्0 फीसदी से ज्यादा की बचत होगी। महत्वपूर्ण यह है कि महीनों स्ट्रीट लाइट खराब नहीं होंगे। बल्ब लगाने वाली कंपनी को खराब बल्ब को 7ख् घंटे के अंदर बदलना होगा, ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन ख्भ् रुपए हर्जाना देना होगा। एलईडी बल्ब से पर्यावरण को हो रहे नुकसान में भी कमी आएगी। राज्य के सभी क्ब्8 नगर निकायों में सेंट्रल कंट्रोल एंड मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिए एलईडी बल्ब को कंट्रोल किया जाएगा। ऑटोमेटिक सिस्टम से सभी बल्ब को जलाने और बंद करने की व्यवस्था होगी। नई पहल से भ्0 फीसदी ऊर्जा की बचत होगी। बिहारशरीफ में मॉडल के तौर पर प्रयोग सफल रहा हैं। बिजली बिल भरने की जिम्मेदारी नगर निकायों की होगी। लेकिन कोई नगर निकाय ईईसीएल का बिल नहीं देती है तो सरकार भरपाई करेगी। नगर निकायों से ईईसीएल का एकरारनामा करने केब्भ् दिनों के अंदर बल्ब बदलने का काम शुरू कर देगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने ईइसीएल द्वारा राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और झारखंड सरकार से किए एमओयू की समीक्षा के बाद करार किया है। लाइट खराब होते ही कंट्रोल रूम को सिग्नल मिल जाएगा। इसी आधार पर तत्काल बल्ब बदलने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। नगर निकायों पर कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं आएगा।