पटना(ब्यूरो)। दिन के दो बजने को हैं। पटना के पाटलिपुत्र थाने में बबली कुमारी अपने पति के साथ आईं। बबली मैनपुरा की रहने वाली हंै। उन्होंने मैनपुरा में ही जमीन खरीदी थी, लेकिन इस जमीन को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया। अब कोर्ट ने इस मामले में पुलिस व सीओ से जमीन को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसी रिपोर्ट के सिलसिले में बबली पाटलिपुत्र थाना में आईं। बबली चाहती हंै कि उनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द भेज दी जाए ताकि जमीन मामले में उन्हें समय पर न्याय मिल सके। बबली से जब हमने पूछा कि आप जमीन को लेकर यहां कब से बैठी हैं। तब उन्होंने बताया कि वह पिछले एक घंटा से यहां पर बैठ कर साहब का इंतजार कर रही हैं। साहब मतलब थानाध्यक्ष। उन्हें नहीं पता कि साहब अभी कहां हैं। पाटलिपुत्र थाना के एसएचओ ऑफिस में पहले पांच की संख्या में लोग मौजूद थे। सभी पाटलिपुत्र थाना के ही कर्मी थे, जो अपनी रिपोर्ट के सिलसिले में थानाध्यक्ष एसके शाही से मिल रहे थे। हमने जब उनसे पूछा कि जमीन विवाद को लेकर प्रत्येक थाना में सीओ और थानाध्यक्ष की साप्ताहिक बैठक होती है, क्या यहां पर सीओ साहब और उनकी बैठक होती है? उन्होंने बताया कि सीओ साहब तो नहीं आते, क्योंकि पटना सदर में एक ही सीओ हैं और 34 थाने हंै। उनकी जगह पर नगर निगम की एक्जक्यूटिव मजिस्ट्रेट प्रतिमा कुमारी आती हैं। जमीन से जुड़े मामले जो भी होते हैैं उन्हेें वे दोनों मिलकर शाम पांच बजे से देखते हैं। यानी कि बबली कुमारी को या तो पांच बजे शाम तक रुकना होगा या फिर दोबारा से पांच बजे उन्हें आना होगा।


सभी थानों में जनता दरबार का प्रावधान

बिहार के सभी थानों में शनिवार को जमीन से जुड़े विवाद के सुनवाई के लिए जनता दरबार लगाया जाता है। जिसमें सीओ और थानाध्यक्ष एक साथ बैठकर जमीन से जुड़े प्राइमरी मामलों को सुलझाने की कोशिश करते हैं।


हमने अभी पाटलिपुत्र थाने का हाल बताया। इसके बाद हम पहुंचे राजीव नगर थाना में। वहां समीर कुमार नाम के शख्स जमीन विवाद से जुड़े कुछ कागजात लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि वह जमीन से जुड़े एक मामले को लेकर आए हैैं। उनका मामला हाउसिंग बोर्ड के साथ फंसा हुआ है। उसी मामले में उनके एक परिजन पर केस दर्ज हुआ है। उसी के जांच प्रतिवेदन के सिलसिले में वह आएं हैं।

जब मामले ज्यादा हों तभी आते हैैं सीओ साहब

राजीव नगर थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि यहां पर जब जमीन विवाद से जुड़े जब ज्यादा मामले आते हैं, तब सीओ साहब आते हैं। उन्होंने बताया कि पूरे पटना सदर में 24 थाना है। जबकि अटेंड नहीं कर सकते हैं। राजीव नगर थाना में न तो जमीन विवाद से जुड़े कोई शख्स आया था न ही यहां सीओ और थानाध्यक्ष की कोई जनता दरबार लगी थी। वहीं राजीव नगर थाना में पदस्थापित एक कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर कोई जनता दरबार नहीं लगता है। इसलिए जमीन विवाद को लेकर लोग सीधे कोर्ट में ही जाते हैं। यहां पर ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि जमीन विवाद को लेकर थाना में भी सीओ और थानाध्यक्ष का जनता दरबार भी लगता है।

गांधी मैदान थाने में सन्नाटा

पटना के गांधी मैदान थाने में दिन के तीन बजे के आसपास बिल्कुल सन्नाटा है। एक संतरी की ड्यूटी बाहर लगी थी। थाना में पता चला कि थानाध्यक्ष अरूण कुमार फिलहाल नहीं हैं। हमने उनसे फोन पर बात की। उन्होंने जमीन विवाद को लेकर थाना में लगने वाले जनता दरबार को लेकर बताया कि यहां पर जमीन विवाद को लेकर कम ही मामले आते हैैं फिर जो मामले आते हैं। उन्हें एड्रेस करने की कोशिश की जाती है। हालांकि सीओ साहब नहीं आते हैं। उनकी जगह पर एक एग्जक्यूटिव मजिस्ट्रेट आते हैं। उन्हें आवश्यकतानुसार ऐसे केसेस आने पर बुलाया जाता है। यहां पर भी जमीन विवाद से जुड़ा हुआ कोई भी शिकायतकर्ता नहीं मिला।

कोतवाली में थाने में पहुंचा महज एक व्यक्ति

कोतवाली थाना में एक शख्स जमीन विवाद को लेकर जरूर आया था। अमरजीत रवि नामक उक्त शख्स ने बताया कि उनका पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। वह उसके जमीन में बढ़कर मकान उठा रहा है। इसी को लेकर वह यहां पर आया है। लेकिन यहां पर उन्हें कुछ पता नहीं चला रहा है कि उनकी शिकायत कौन सुनेगा। हालांकि हालांकि अमरजीत रवि ने बताया कि उन्हें यह नहीं पता कि आज शनिवार को जनता दरबार लगती है। वह तो रोजमर्रा की तरह शिकायत लेकर यहां पर पहुंचा है। वहीं कोतावाली थानाध्यक्ष से इस मामले में कोई बात नहीं हो सकी है। एक स्थानीय कर्मी ने बताया कि वह कहीं बाहर निकले हुए हैं। उक्त कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कभी-कभार यहां पर जनता दरबार लगती है। लेकिन यह दो चार महीने में एक या दो बार से अधिक नहीं लगती है। यहां जमीन विवाद को लेकर मामले में भी कम आते हैं।