PATNA (21 Feb): पटना में 6 हजार से अधिक छोटी बड़ी पैथालॉजी हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन 50 प्रतिशत का भी नहीं है। ब्लड की जांच के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है जिसमें सिस्टम पूरी तरह से फेल है। आलम यह है कि हाईकोर्ट का आदेश भी इस मामले में सख्ती नहीं ला सका है। जब भी कोर्ट सख्त हुआ है खानापूर्ति कर मामले को दबाने का काम किया गया है। सरकारी की सुस्ती से पैथोलॉजी पर मनमानी की जांच जारी है।

किस काम की कमेटी

पटना हाईकोर्ट ने 6 माह पूर्व जब पैथालॉजी सेंटर को लेकर सख्ती दिखाई तो सरकार ने आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग टीम बनाकर छापेमारी कराई गई। राजधानी से लेकर जिले के अन्य एरिया में भी टीम ने छापेमारी की और 100 से अधिक मामलों में कार्रवाई भी की लेकिन सख्ती अधिक दिनों तक नहीं चल सकी। हाईकोर्ट को झूठी रिपोर्ट दी गई और मामला शांत होता गया। सरकारी की सुस्ती के बाद पैथालॉजी सेंटर घटने के बजाए बढ़ते चले गए। पांच माह में पटना में 100 से अधिक पैथालोजी सेंटर खुल गए हैं।

पीएमसीएच के पास रहें सावधान

पीएमसीएच में ही दलाल घूमते रहते हैं और मरीजों को लेकर सीधे बाहर की लैब में चले जाते हैं। यहां उनकी पहले से ही सेटिंग होती है और मरीजों को देने के साथ ही उनका कमीशन बन जाता है।