डेढ़ दर्जन 'दमदार प्रेजेंस' देने वाली हैं

'आधी आबादी' के पार्टिसिपेशन की बात करें, तो अब तक के आंकड़ों के अनुसार इस बार स्टेट से लगभग तीन दर्जन कैंडिडेट्स अपनी किस्मत आजमा रही हैं, डेढ़ दर्जन 'दमदार प्रेजेंस' देने वाली हैं। एग्जिस्टिंग एमपी मीरा कुमार, पुतुल देवी, रमा देवी, अश्वमेघ देवी व मीना सिंह फिर से चुनावी समर में कूद चुकी हैं, तो कई नई कैंडिडेट संसद में पहली बार एंट्री पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं।

किसी की किस्मत चमकी, तो

2009 के चुनाव में प्रमुख पार्टियों ने दस कैंडिडेट्स को मैदान में उतारा था, जिनमें सिर्फ चार ही सक्सेस हो पाईं। पांचवां नाम पुतुल कुमारी के रूप में आया। कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह की मौत के बाद हुए बाई-इलेक्शन में उन्होंने बतौर इंडिपेंडेंट चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। गौरतलब है कि 2009 में बीजेपी ने एक और जेडीयू ने दो कैंडिडेट को मौका दिया था। शिवहर से रमा देवी, उजियारपुर से अश्वमेघ देवी और आरा से मीना सिंह ने चुनाव जीतकर एनडीए को लेडीज पार्टिसिपेशन के मामले में हंड्रेड परसेंट रिजल्ट दिया था। एलजेपी और आरजेडी ने भी दो-दो कैंडिडेट्स उतारे थे, पर नवादा से खड़ी एलजेपी की वीणा देवी और सुपौल से लड़ रही रंजीता रंजन को मुंह की खानी पड़ी। वहीं, आरजेडी की काराकाट से कांति सिंह और सीवान से हीना शहाब को भी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की तीन कैंडिडेट्स सासाराम से मीरा कुमार, मुजफ्फरपुर से विनीता विजय और शिवहर से लवली आनंद खड़ी हुई थी, पर संसद के गलियारे में एंट्री सिर्फ मीरा कुमार को ही मिली। मीरा कुमार को पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष बनने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।

अब तक का हाईएस्ट रिकॉर्ड है नौ

आठवीं लोकसभा में अन-डिवाइडेड बिहार में सबसे ज्यादा नौ महिला सांसदों को जीत का सेहरा मिला। हालांकि उस समय की इस मेगा जीत का श्रेय इंदिरा गांधी की मौत के बाद सहानुभूति लहर में मिले वोट को दिया गया था। इस बात में दम इसलिए था कि उस वक्त आठ महिला सांसद सिर्फ कांग्रेस की ही थीं। बेगूसराय से कृष्णा शाही, बलिया से चंद्रभानु देवी, मोतिहारी से प्रभावती गुप्ता, पलामू से कमला कुमारी, लोहरदगा से सुमति उरांव, पूर्णिया से माधुरी सिन्हा, बांका से मनोरमा सिंह, वैशाली से किशोरी सिन्हा, शिवहर से रामदुलारी सिन्हा ने संसद का रास्ता अख्तियार किया था। एडीआर के बिहार को-ऑर्डिनेटर राजीव कुमार ने बताया कि 2009 में टोटल 46 कैंडिडेट्स ने किस्मत आजमाया था, जिनमें सिर्फ चार को सफलता मिली।

The other side

15वीं लोकसभा में देशभर से कुछ 61 महिला कैंडिडेट्स को सफलता मिली थी, मतलब तैंतीस परसेंट का डंका पीटने वाले पॉलिटिकल पार्टीज के रहमो-करम पर सिर्फ नौ परसेंट लेडीज को ही संसद में एंट्री मिली।

Contesting candidates in 2014

पुतुल देवी बांका बीजेपी

रमा देवी शिवहर बीजेपी

वीणा देवी मुंगेर एलजेपी

मीसा भारती पाटलिपुत्र आरजेडी

राबड़ी देवी सारण आरजेडी

कांति सिंह काराकाट आरजेडी

हीना शहाब सीवान आरजेडी

कृष्णा यादव खगडिय़ा आरजेडी

मीरा कुमार सासाराम कांग्रेस

रंजीता रंजन सुपौल कांग्रेस

अश्वमेघ देवी उजियारपुर जेडीयू

मीना सिंह आरा जेडीयू

लवली आनंद शिवहर सपा

रिंकी भागलपुर माले

इंदू देवी बक्सर माले

तेतरी देवी सासाराम माले

परवीन अमानुल्लाह पटना साहिब आप

हीना रानी महाराजगंज आप

श्वेता पाठक बक्सर आप

गीता आर्या सासाराम आप

रागिनी लता सिंह औरंगाबाद आप

तिलिया देवी झंझारपुर आप

रीना रानी महाराजगंज आप

ममता कुमारी गया सपा

उषा शरण  औरंगाबाद  एसएसपी  

रीता देवी औरंगाबाद  सपा  

वीणा भारती काराकाट जेपीएस

माधवी कीर्ति सासाराम  बसपा

अन्नु शुक्ला हाजीपुर इंडिपेंडेंट

सुलोचना देवी नवादा इंडिपेंडेंट

(ये आंकड़े अब तक के हैं। इसमें और भी नाम बढ़ सकते हैं.)

Female MPs from Bihar

पहली लोकसभा दो

दूसरी लोकसभा चार

तीसरी लोकसभा छह

चौथी लोकसभा तीन

पांचवी लोकसभा एक

छठी लोकसभा जीरो

सातवीं लोकसभा छह

आठवीं लोकसभा नौ

नौंवी लोकसभा दो

दसवीं लोकसभा चार

ग्यारहवीं लोकसभा तीन

बारहवीं लोकसभा चार

तेरहवीं लोकसभा तीन

चौदहवीं लोकसभा चार

पंद्रहवी लोकसभा पांच

Existing MPs

मीरा कुमार

पुतुल देवी

रमा देवी

अश्वमेघ देवी

मीना सिंह

sanjeet.narayan@inext.co.in