-पंचायती राज कानून में होगा संशोधन, सरकार जल्द लाएगी अध्यादेश

-कैबिनेट की मंजूरी के साथ अध्यादेश, राज्यपाल को मंजूरी के लिए गया

PATNA: कोराना का असर अब मुखिया के अधिकारों पर भी पड़ने वाला है। 15 जून के बाद उनकी कमान परामर्शी समिति के जिम्मे चली जाएगी। बिहार सरकार त्रिस्तरीय पंचायती राज कानून में संशोधन करेगी। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में ट्यूजडे को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार के निर्णय से साफ है कि 15 जून बाद त्रिस्तरीय पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होते ही व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी परामर्शी समिति के हवाले हो जाएगी।

समिति में कौन अभी तय नहीं

हालांकि, सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि परामर्शी समिति की जिम्मेदारी किसको दी जाएगी। परामर्शी समिति में कौन-कौन रहेंगे। त्रिस्तरीय पंचायतों के मौजूदा जनप्रतिनिधि रहेंगे या अधिकारियों के हवाले पूर्णतया संचालन की जिम्मेदारी जाएगी। यह अध्यादेश में ही प्रावधान किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश लाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। उधर, पंचायती राज विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेज दिया है। चर्चा है कि अधिकारियों और मौजूदा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को मिलाकर परामर्शी समिति गठित होगी। कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग को अध्यादेश तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे साफ है कि राज्य निर्वाचन आयोग छह महीने चुनाव कराने नहीं जा रहा है। ऐसे में चुने हुए ढाई लाख से अधिक त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है।

2016 में हुए थे पंचायत चुनाव

राज्य में पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है। ये वे प्रतिनिधि हैं, जो 2016 में चुन कर आए थे। पूर्व में चर्चा थी कि मई अथवा जून में चुनाव होंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से मई-जून में प्रस्तावित चुनाव टलते गए। जून में मानसून भी आ जाएगा, ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है। कोरोना और मानसून जैसी समस्याओं को देखते हुए सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार प्रारंभ किया था। अब यह तय हुआ कि पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ेगा।

अगले साल चुनाव पर विचार

कैबिनेट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चर्चा है कि अब राज्य निर्वाचन आयोग अगले वर्ष नगर निकाय चुनाव के साथ त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव भी कराने पर विचार कर रहा है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम रूप से कोई निर्णय लिया गया है।