पटना ब्‍यूरो। अगर आपके गले में सूजन और दर्द के साथ बुखार है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें। दरअसल, संक्रामक मम्प्स वायरस एक्टिव हो गया है। केरल के बाद अब पटना से सटे इलाके हाजीपुर में भी मम्प्स वायरस के पांच पेशेंट मिले हैं। इसके साथ शहर में मम्प्स सस्पेक्टेड तीन मरीज की जांच कराई गई है। हालांकि रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आया है। डॉक्टरों की माने तो इस वायरस से पीडि़त पेशेंट की पहचान 15 से 20 दिनों के बाद ही हो पाती है। इस वायरस से पीडि़त मरीज की समय पर इलाज नहीं कराने पर सुनने की क्षमता घट जाती है। साथ ही कॉकलियर इंप्लांट की नौबत भी आ जाता है।

हो सकती है पेट संबंधित बीमारी
डॉक्टरों ने बताया कि मम्प्स बीमारी से बचने के लिए एमएमआर वैक्सीन लगाई जाती है। बीमारी के पता चलते ही संक्रमित बच्चे को डॉक्टरी परामर्श की जरूरत होती है। समान्यत: एंटीबायोटिक दवाएं देकर उसका इलाज किया जाता है। समय पर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो बच्चे की सुनने की क्षमता घट सकती है। साथ पेट संबंधित कई गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

पेशेंट को करें आइसोलेट
डॉक्टरों ने बताया कि मम्प्स वायरस से संबंधित लक्षण दिखने पर पेशेंट को तत्काल आइसोलेट कर दें। क्योंकि संक्रामक वायरस की वजह से यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल सकता है। शुरुआती में इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। पेशेंट को बुखार, सिरदर्द के साथ मांसपेशियों में दर्द होता है। धीरे-धीरे चेहरे के दोनों और पैरोटिड ग्लैंड में सूजन आ जाती है। जिससे पेशेंट को मुंह खोलने में दिक्कत होती है। कई लोंगों को पेट दर्द और सूजन की वजह से कानों पर भी असर पड़ती है।

आठ से दस दिन लगता है ठीक होने में
डॉक्टरों ने बताया कि मम्प्स वायरस से पीडि़त पेशेंट को वायरस की पहचान होने के बाद आठ से दस दिनों का वक्त ठीक होने में लगता है। डॉक्टरों ने बताया कि समय पर इसका इलाज होने से मरीज आसानी से ठीक हो जाता है। कुछ केस में गंभीरता या जटिलता होने पर समय लग जाता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर परिजन इसे अनदेखी न करें। बिना डॉक्टरी परामर्श के कोई भी दवा न दें।

पटना में भी अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
केरल में मम्प्स बीमारी के मामले बढऩे और हाजीपुर में पॉजिटिव पेशेंट मिलने के बाद पटना सहित बिहार के विभिन्न जिलों में चिकित्सक अलर्ट मोड में है। बताते चलें कि पीएमसीएच में इलाज कराने आए फतुहा से तीन मरीज को लक्षण दिखने पर जांच कराया गया हालांकि तीनों मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है। केरल में पिछले सप्ताह मम्प्स के 190 मामले दर्ज किए गए थे। यहां अब तक दो हजार से अधिक मामले आ चुके हैं। उस दौरान आसपास के भी कई राज्यों में ये बीमारी फैली थी। अब इस महीने फिर से मम्प्स के मामले बढऩे लगे हैं। बढ़ते मामलों को देखते इस बीमारी से एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है।

मम्प्स वायरस के लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान और भूख न लगना
-चेहरे के दोनों और पैरोटिड ग्लैंड में सूजन आना


मम्प्स वायरस से ऐसे करें बचाव
- लक्षण दिखने पर पेशेंट को आइसोलेट करें
- संक्रमित व्यक्ति के पास न जाएं
- मास्क का प्रयोग करें
- हाथ साबुन से धोते रहें
- लक्षण दिखने पर तुरंत योग्य चिकित्सकों की परामर्श लें

मम्प्स का घर पर ऐसे करें इलाज
मम्प्स के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है। आम तौर पर यह कुछ हफ्तों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ उपायों की मदद से मम्प्स के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिएं
- गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें
- मुलायम, आसानी से चबाने वाला खाना खाएं
- एसिडिक फूड्स से बचें, जो आपके मुंह में पानी लाते हैं
- सूजी हुई ग्रंथियों पर बर्फ या हीट पैक रखें
- बुखार कम करने और दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवा लें

किन लोगों को ज्यादा खतरा
कुछ लोगों में मम्प्स होने का खतरा दूसरों की तुलना में ज्यादा होता है। ऐसे लोगों में निम्न शामिल हैं :
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
- जो लोग अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते हैं
-जिन लोगों को इस वायरस का टीका नहीं लगा
-कॉलेज परिसरों जैसे नजदीकी इलाकों में रहने वाले लोग


ये खतरनाक वायरस है। कई लोगों को प्रिग्नेंसी में भी समस्या होती है। हाजीपुर में जो मामले आए हैं वो बाहर के ही है। पीएमसीएच में अभी पॉजिटिव मामले नहीं है।
-डॉ। विद्यापति चौधरी, प्रिंसिपल

मम्प्स वायरस के एक केस कुछ दिन पहले पटना के नौबतपुर में मिले थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर फैमली अन्य सदस्यों की जांच कराई गई थी। हालांकि अभी पटना में एक भी पॉजिटिव केस नहीं है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। लोगों को अवेयर किया जा रहा है।
- डॉ। श्रवण कुमार, सिविल सर्जन, पटना