पटना ब्‍यूरो। अरिपन पटना की की ओर से रविवार को विद्यापति सभागार में रोहिणी रमण झा लिखित और अमलेश कुमार आनंद निर्देशित नाटक सामा-चकेवा का मंचन किया गया। नाटक में भाई-बहन के प्रेम की कहानी को कलाकारों ने सुंदर ढंग से प्रस्तूत किया। नाटक की शुरुआत भगवान कृष्ण और जामवती की लाडली बेटी श्यामा और यदुवंशी युवक चारूवक्र के प्रेम प्राकट्य के दृश्य से होता है। श्यामा और चारूवक्र एक दूसरे से प्रेम करते हैं। जिसे कृष्ण का दरबारी चूरक देख लेता है। इस बात को गोपनीय रखने के लिए चूरक श्यामा को अपने साथ शादी करने का प्रस्ताव देता है जिसे श्यामा ठुकरा देती है।

-अपमान का बदला लेने पहुंचा कृष्ण के दरबार
अपने अपमान का बदला लेने के लिए चूरक कृष्ण के पास पहुंचकर श्यामा और यदुवंशी युवक चारूवक्र के प्रेम के बारे में बताता है। कृष्ण प्रसन्नता के साथ श्यामा के प्रेम को स्वीकार कर यदुवंशी युवक चारूवक्र के साथ शादी की तैयारी करने
के लिए जामवती को कहते हैं। मगर चूरक को इससे प्रसन्नता नहीं हुई। कृष्ण के दरबार में आकर यदुवंशी युवक चारूवक्र और श्यामा के प्रेम पर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगता है। इसका परिणाम भगवान कृष्ण गलतफहमी में आकर श्यामा को चिडिय़ा बनने का श्राप देते हैं।
-सांबा और चारूवक्र के प्रयास श्यामा श्राप से हुई मुक्त
इस बात को सुनकर जामवती और कृष्ण के पुत्र सांबा दुखी होता है। लेकिन प्रेम को पाने के लिए यदुवंशी युवक चारूवक्र और श्यामा के भाई सांबा जी जान लगा देता है। तपस्या करता है। फल स्वरूप चिडिय़ा बनी श्यामा अपने पूर्व रूप आ जाती है।

पात्र परिचय
रामश्रेष्ठ पासवान - सूत्रधार
किशोर मिश्रा- कृष्ण
रश्मि मिश्रा- जामवती
सलोनी मल्लिक- सामा
सोनू चौधरी - सांबा
अनुराग कपूर- चारूवक्र
संजीव झा - चूरक
विप्रेन्द्र माधव - नारद
कपिल मल्लिक -दरबारी
शशिभूषण लाल- दरबारी
केशव कुमार- दरबारी
आशुतोष मिश्रा- दरबारी
रवीन्द्र बिहारी राजू ग्रामीण
मनोज कुमार झा ग्रामीण
नेहा ठाकूर - सखी
प्रियंका झा -गीतगाइन
नवी ठाकुर - गीतगाइन

पाश्र्व सहयोग
दिनेश झा, चंचल कुमार - ढ़ोलक
आशीष कुमार -हारमोनियम
रवीन्द्र बिहारी -मंच सज्जा
खुशबू मिश्रा -रूप सज्जा
चन्द्रभूषण झा -प्रकाश परिकल्पना
सुमित सौरभ- पाश्र्व संगीत
डॉ। ललीत झा- प्रोजेक्ट संरक्षक