-मंत्रिमंडल की बैठक में 20 प्रस्ताव स्वीकृत, बंद पड़े 14 बोर्ड-निगम कर्मियों के जल्द बहुरेंगे दिन

-9 किमी एलिवेटेड रोड को लेकर सीएम के समक्ष हुआ प्रेजेंटेशन

क्कन्ञ्जहृन्: बिहार के बंद पड़े 14 बोर्ड निगम और राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम की दो अनुषंगी कंपनियों के कर्मियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। उनकी बकाया राशि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड निगम कर्मियों को वेतन देने के लिए सरकार ने फार्मूला तैयार कर लिया है। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें लोक उपक्रम कर्मियों के बकाया वेतन भुगतान की अनुमति संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में 20 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। साथ ही दूसरी महत्वपूर्ण बैटक में राजधानी को नालंदा, गया, भोजपुर व दक्षिणी पटना के सुदूर इलाके से नई कनेक्टिवटी मिलेगी। मीठापुर फ्लाईओवर से महुली होते 9 किमी लंबे एलिवेटेड सड़क के एलायनमेंट पर सीएम के समक्ष मंगलवार को प्रेजेंटेशन हुआ। प्रेजेंटेशन में एलायनमेंट पर सहमति बनी। प्रोजेक्ेट की लागत एक हजार करोड़ रुपए है.डीपीआर तैयार हो रहा है।

वेतन भुगतान का फार्मूला तैयार

कैबिनेट के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में 14 बोर्ड निगम और इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम की दो अनुषंगी कंपनियां हैं। जो अरसे से बंद हैं। 14 फरवरी 2018 को मंत्रिमंडल ने इन बोर्ड निगम कर्मियों को सरकार ने विभिन्न विभागों में समायोजित करने, कर्मचारियों की भविष्य निधि राशि का भुगतान और लोक उपक्रमों की संपत्तियों और दायित्वों के अधिग्रहण का फैसला किया था। लेकिन उस समय बैठक में इस पर सहमति नहीं बनी थी कि बोर्ड निगम कर्मियों के बकाया वेतन का भुगतान कैसे होगा। मंगलवार की बैठक में यह फार्मूला तय कर लिया गया।

जांच के बाद भुगतान

प्रधान सचिव ने बताया कि सेवानिवृत्त या मृत कर्मचारियों के बकाया वेतन देयता की जानकारी प्रशासी विभाग (निगम कर्मी जहां समायोजित किए गए हैं) संबंधित निगम से प्राप्त करेगा। निगम द्वारा मुहैया कराए गए कागजात की जांच के बाद प्रशासी विभाग संबंधित कर्मचारी के भुगतान के लिए वित्त विभाग से राशि की मांग करेगा। यदि उक्तअवधि में संबंधित कर्मचारी के जीपीएफ में अंशदान नहीं हुआ होगा तो इसका भुगतान भी प्रशासी विभाग ही करेगा। अंतरराज्यीय बोर्ड निगम जिनकी संपत्ति और देनदारी का बंटवारा अब तक दोनों राज्यों (बिहार-झारखंड) के बीच नहीं हुआ है वहां के कर्मियों के मामले में निर्णय स्थगित रखा गया है। दोनों राज्यों के बीच बंटवारा होने के बाद इनके कर्मियों के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। शहरी स्थानीय निकायों, स्वशासी निकायों को अब अपने कर्मचारियों के वेतन-पेंशन के भुगतान के लिए कैबिनेट की सहमति की जरूरत नहीं होगी।

बगैर जाम सीधे पहुंच पाएंगे पटना जंक्शन

जबकि दूसरी ओर मीठापुर फ्लाईओवर से एलिवेटेड सड़क मीठापुर फार्म के एक हिस्से से गुजरेगी, यहां साठ से अस्सी मीटर जगह उपल?ध है। मीठापुर फार्म होते हुए एलिवेटेड सड़क एनएच-30 पर पहुंचेगी। वहां दो भाग पूरब और पश्चिम से जुड़ेंगे। एनएच-30 से यह पटना-गया डोभी एनएच 83 स्थित महुली में गिरेगा। इसके बाद यहां से आगे बढ़ने पर इसे बिहटा-सरमेरा सड़क की कनेक्टिवटी मिल जाएगी। यह पूर्णत: नई सड़क होगी। इस प्रोजेक्ट का फायदा यह होगा कि पटना के दक्षिणी हिस्से यानी पुनपुन, मसौढ़ी, जहानाबाद या फिर गया से जिस ट्रैफिक को पटना जंक्शन की ओर आना होगा वह निर्बाध बगैर किसी जाम के पहुंचेगा। बिहटा-सरमेरा सड़क के रास्ते नालंदा, नवादा या उधर के अन्य हिस्से व भोजपुर से आने वाले ट्रैफिक को भी पटना जंक्शन पहुंचने की सीधे कनेक्टिवटी मिलेगी। बिहटा-सरमेरा सड़क को पटना ¨रग रोड से जोड़ा जा रहा। इससे उत्तर बिहार की ओर बढ़ने में भी सहूलियत होगी।