पटना(ब्यूरो)। अरविंद महिला कॉलेज 63 साल पुराना है। लेकिन इस छह दशक के सफर में भी अपनी छात्राओं के लिए हॉस्टल फैसिलिटी नहीं जुटा सका है। साइंस, आट्र्स, कॉमर्स और वोकेशनल कोर्सेज मिलाकर कुल सात हजार स्टूडेंट्स हैं। लेकिन 50 छात्राओं के लिए बने हॉस्टल को भी नये सेशन के लिए अब तक तैयार नहीं किया जा सका है। कॉलेज के प्रिंसिपल ललन कुमार के अनुसार, हॉस्टल के लिए मारामारी की स्थिति है। हॉस्टल अलॉटमेंट के लिए स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट किया जा रहा है। इधर, बिल्डिंग की भी मरम्मत की जा रही है। इसलिए इसमें फिलहाल ताला लटका है।
नौ साल में भी पूरा नहीं हो सका है निर्माण कार्य
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अधीन संचालित अरविंद महिला कॉलेज में वर्ष 2014 में हॉस्टल का कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू हुआ था। नौ साल होने को है। फिर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है। हालांकि प्रिंसिपल की मानें, तब 2023-24 की स्टूडेंट्स को हॉस्टल का अलॉटमेंट हो जायेगा। फिनिशिंग का काम चल रहा है।
कॉलेज की 10 प्रतिशत छात्राओं को भी नहीं मिल पाती है हॉस्टल फैसिलिटी
कॉलेज की वेबसाइट के अनुसार, यहां कुल 7000 स्टूडेंट्स का इनरॉलमेंट है। इनमें से 10 परसेंट यानी 700 गल्र्स के लिए भी सुविधा नहीं है। पटना में बाहर से आनेवाली गल्र्स को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलने के कारण उन्हें महंगे और अनहाइजिन लॉज में रहना पड़ रहा है। मली जानकारी के अनुसार 2022 में छात्रावास दोबारा से खोला गया था लेकिन कई लड़कियां छात्रावास में सुविधा न होने के कारण और खाना टाइम पर न मिलाना से हॉस्टल छोड़ती गई, हॉस्टल में खिड़की दरवाजे टूटे होने की वजह से इसे फिर से मरम्मत किया जा रहा है और हॉस्टल तैयार नहीं हो पाया है इस वजह से ताला लगा है डेटिंग और पेंटिंग का काम चालू है फिलहाल प्राचार्य का कहना है हॉस्टल के दोबारा निर्माण होने में कुछ कार्य अभी बाकी है जल्दी से इसे खोला जाएगा लड़कियां एप्लीकेशन दे रही है हॉस्टल के लिए,

छात्रावास ना होने पर होती है दिक्कत

दूर दराज से आई कई लड़कियां कॉलेज में एडमिशन इस वजह भी नहीं ले पाती क्योंकि कैंपस में छात्रावास नहीं मिल पाता और आसपास के इलाकों में हॉस्टल ढूंढने में काफी मुसीबत आन पड़ती है , कुछ यही स्थिति अरविंद महिला कॉलेज में देखने को मिला,जिनको चाहिए उनको भी नहीं मिला अभी तक छात्रावास वजह यह बताया गया है की डेंटिंग पेंटिंग का काम चल रहा है और नए सिरे से छात्रावास तैयार किया जा रहा है,

कई दिनों से जमा पानी,आसपास जंगल

कॉलेज कैंपस में कई दिनों से बरसात की पानी जमने की वजह से छात्रों को हो रही है समस्या, आलम यह है कि कैंपस में छात्रावास की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि भवन के आसपास जंगल जैसा माहौल हो गया है। इतने झाड़-झंखाड़ उग आए हैं कि अब छात्राएं उसके इर्द-गिर्द भी नहीं जाना चाहती हैं प्राचार्य की तरफ से कहा गया है कि काम अभी चल रहा है जल्द ही इससे निपटारा मिलेगा,

प्राचार्य प्रोफेसर ललन कुमार अरविंद महिला कॉलेज

अभी छात्रावास बंद पड़ा हुआ है क्योंकि छात्रावास में पेंटिंग का काम चल रहा है, छात्रावास 14 से 15 दिन में खुल जाएगा, जिन लड़कियों को छात्रावास चाहिए वह एप्लीकेशन लिखकर हॉस्टल के अधीक्षक को दे रही हैं मेस और कैंटीन की व्यवस्था हॉस्टल में लड़कियों को दी जाएगी, 50सीट लड़कियों की रहने की व्यवस्था होगी, हालांकि काम अभी प्रगति पर है,

खुशी कुमारी
फिलहाल जल्द से जल्द गंदगी साफ होनी चाहिए, कॉलेज में हॉस्टल नहीं मिल पा रहा है इस वजह से बाहर रहना पड़ता है, हॉस्टल में ताला लगा है एप्लीकेशन लिखकर सबमिट हुआ है अब पता नहीं कब हॉस्टल खुलेगा।


सोनी कुमारी
बाहर से पढऩे आई हूं, कॉलेज के बाहर हॉस्टल लेकर पढ़ाई करती हूं काफी पैसे लग रहें है अभी तक कॉलेज में हॉस्टल नहीं मिल पाई है , एडमिशन लेने के बाद पता चला कि कॉलेज में हॉस्टल बंद है, हालांकि सीनियर से पता लगा कि हॉस्टल पहले भी शुरू हुआ था लेकिन खाना सही से नहीं मिलता था


सिमरन कुमारी
हॉस्टल के लिए एप्लीकेशन तो दे दी हूं, कुछ दिनों में हॉस्टल शायद मिल जाएगा लेकिन काफी पैसे लग रहे हैं गरीब घर की लड़कियों के लिए थोड़ा सोचना चाहिए , पर माह 5000 रुपए लगेंगे,

अदिति कुमारी
कॉलेज में थोड़ी साफ सफाई की जरूरत है और रही बात हॉस्टल की तो मैं हॉस्टल लेना चाहती थी लेकिन अब मेरा मन बदल गया है क्योंकि मेरी दीदी भी इसी कॉलेज से पढ़कर निकली है और हॉस्टल की स्थिति कुछ खास नहीं रहती जितना सुना है उसके आधार पर कॉलेज में हॉस्टल नहीं चाहिए,

सफाई के साथ सुरक्षा भी

कॉलेज में थोड़ी साफ सफाई की जरूरत है छात्रा ने कहा, कॉलेज की दीवारें इतनी छोटी हैं कि आए दिन लड़के कमेंट करते हैं। फोन से छात्राओं के वीडियो बनाना आम बात हो गई है।

कॉलेज के 'कृष्णा छात्रावास में लगभग 50 सीटें
हर कमरे में दों छात्राओं के रहने की सुविधा है। इसके साथ हीं छात्रावास में छात्राओं के खाने के लिए मेस, पीने के लिए स्वच्छ पानी , डाइनिंग रूम, कॉमन रूम समेत अन्य सभी तरह की सुविधाएं हैं। इसके बावजूद भी छात्राएं कॉलेज छात्रावास में रहना पसंद नहीं करती हैं। छात्राओं ने बताया कि कॉलेज छात्रावास में मिलने वाली सुविधाओं की मुताबिक शुल्क उचित नहीं है। एक छात्रा पर करीबन 5 से 6 हजार रूपये का खर्च हो जाता है। इसके अलावे अन्य तरह के खर्च अलग से। वहीं बाहर में दो छात्राएं मिलकर 6 हजार में पीजी ले लेती हैं।


कॉलेज के महिला छात्रावास का शिलान्यास राज्यपाल सह कुलाधिपति आरएस गवई ने वर्ष 2008 में किया था। कृष्णा नाम के इस हॉस्टल का उद्घाटन 31 मई 2014 को तत्कालीन सांसद व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने किया था। लेकिन तब से लेकर अब तक किसी भी शैक्षिक सत्र में छात्राओं को हॉस्टल नहीं आवंटित किया गया है।