पटना(ब्यूरो)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक लाख 70 हजार 471 पदों पर नियुक्ति के लिए पहले चरण का परिणाम इसी माह अंतिम सप्ताह में जारी करेगा। प्राथमिक विद्यालयों में डीएलएड अभ्यर्थियों का ही परिणाम जारी किया जाएगा। वहीं, मध्य (कक्षा छह से आठ), माध्यमिक (कक्षा नौ व 10) व उच्च माध्यमिक (कक्षा 11 व 12) विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दूसरे चरण की प्रक्रिया अक्टूबर के दूसरे पखवारे में प्रारंभ होगी। बीपीएससी और शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई बैठक में इन ङ्क्षबदुओं पर सहमति बनी है, लेकिन इस मुहर कानूनी पहलुओं पर सलाह के बाद दो-तीन दिन बाद दोबारा होने वाली बैठक में लगेगी।

बीपीएससी सभागार में आयोजित बैठक में आयोग से अध्यक्ष अतुल प्रसाद, सचिव रविभूषण, संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक (शिक्षक बहाली) सत्यप्रकाश शर्मा सहित संयुक्त सचिव व उपसचिव स्तर के अधिकारी तथा शिक्षा विभाग से अपर मुख्य सचिव केके पाठक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार के साथ-साथ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के परीक्षा नियंत्रक व अन्य पदाधिाकरी मौजूद थे। बिहार बोर्ड के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि एसटीईटी का आयोजन इसी माह पूरी होने के बाद परिणाम अक्टूबर पहले पखवारे में प्रकाशित कर दिया जाएगा।

18 से प्राथमिक अभ्यर्थियों का सत्यापन संभावित :
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक अभ्यर्थियों के कागजात का सत्यापन कार्य गुरुवार तक संपन्न हो जाएगा। छूटे हुए अभ्यर्थी 13 व 14 सितंबर को सत्यापन करा सकते हैं। आयोग के अनुसार प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों के कागजात की जांच के लिए सत्यापन कार्यक्रम 18 सितंबर से संभावित है। आयोग का कहना है कि माध्यमिक में कुल पद से लगभग दोगुना तथा उच्च माध्यमिक के लिए पद के बराबर भी आवेदन नहीं मिले थे, इस कारण सभी अभ्यर्थियों का सत्यापन कराया गया है। वहीं, प्राथमिक में यदि सिर्फ डीएलएड अभ्यर्थियों का ही परिणाम जारी किया जाता है तो कुल पद से लगभग पांच गुना अभ्यर्थी हैं।

इस कारण सभी अभ्यर्थियों के कागजात का सत्यापन नहीं कराया जाएगा। इससे संबंधित विस्तृत जानकारी जल्द ही अभ्यर्थियों को वेबसाइट के माध्यम से दी जाएगी। शिक्षा विभाग व आयोग अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक में बीएड अभ्यर्थी को शामिल करने या सिर्फ डीएलएड का परिणाम जारी करने, दोनों ही स्थितियों में मामला न्यायालय में जाएगा। प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में कानूनी पहलुओं पर विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है।