नक्शा देखकर पुलिस चौंक पड़ी थी

हजारों गोलियां और भारी मात्रा में एक्सप्लोसिव का जखीरा पटना के जक्कनपुर थाने के चांदपुर बेला एरिया में जमा हो चुका था। लेकिन इससे पहले ही पटना पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और 12 हजार गोलियों और बेऊर जेल के नक्शे के साथ उसे दबोच लिया गया। बेऊर जेल का नक्शा देखकर पुलिस चौंक पड़ी थी। उसकी मंशा समझ में आ गई थी और एक बड़ी वारदात को होने से पहले पुलिस ने रोक दिया था। यह कहानी 2010 की है मगर आज याद करने की जरूरत इसलिये पड़ी क्योंकि संतोष फिर एक्टिव हुआ है और एसटीएफ की टीम ने उसे मध्य जोन के जोनल कमांडर इंद्रजीत यादव उर्फ कपिलदेव यादव के साथ गिरफ्तार किया है।

अगस्त 12 को छूटा जेल से

संतोष पटना डिस्ट्रिक्ट में नक्सलियों का सबसे एक्टिव मेम्बर में गिना जाता है। टंडवा, नालंदा का रहने वाला संतोष अगस्त 2012 में जेल से छूटा। उसके बाद काफी दिनों तक उसका पता नहीं था। पुलिस को उसकी भनक नहीं लग पा रही थी मगर एसटीएफ को एक इंफारमेशन मिली कि लातेहार का जख्मी नक्सली पटना के ईश्वर दयाल नर्सिंग होम में इलाज करवा रहा है तो रेड कर उसे गिरफ्तार किया गया। उसके साथ पुलिस को वहीं संतोष भी हाथ लग गया। जब वेरिफाई किया गया तो यह वही नक्सली था जिसे पुलिस सरगर्मी से तलाश रही थी। संतोष कुख्यात नक्सली सुबोध जी का खासमखास है।

उमेश पर था इलाज का जिम्मा

इंद्रजीत यादव का बरबाडीह स्टेशन लातेहार के समीप 12 जून को कोबरा से एनकाउंटर हुआ था। इस दौरान उसके पेट में दो गोली लगी। वह गंभीर रूप से जख्मी हुआ। हालांकि पुलिस सोर्सेज की मानें तो इंद्रजीत की बॉडी से कोई गोली नहीं मिली, डॉक्टर्स का कहना है कि गोली शरीर को पार कर निकल चुकी है। उसके इलाज का जिम्मा हार्डकोर नक्सली उमेश यादव उर्फ चौधरी जी (48) को मिला था। नक्सलियों के संगठन ने चौधरी जी को इस काम में लगाया। नर्सिंग होम में वह 93 हजार रुपए जमा भी कर चुका था। अरविन्द्र वही है जो वर्ष 2007 को जहानाबाद जेल ब्रेक के दौरान जेल से फरार हो गया था। उमेश झारखण्ड में एक्टिव है और सेन्ट्रल कमेटी का मेम्बर अरविन्द के इशारों पर काम करता है।

कंपाउंडर भी आया हाथ

इंद्रजीत के इलाज के दौरान भवानी शंकर यादव को भी गिरफ्तार किया गया है। भवानी कंपाउंडर है। जबकि उसका भाई मनी झारखण्ड का बड़ा नक्सली है। नदमा मसौढ़ी का रहने वाला भवानी शंकर इसकी मदद करने में 14 जून से ही लगा था जब इंद्रजीत को किसी तरह छिपाकर पटना लाया गया था। नक्सली आपरेशन में लगे एक सीनियर आफिसर की मानें तो भवानी शंकर का भाई मनी भी अरविन्द जी का खास आदमी है। फिलहाल इन लोगों से पूछताछ कर पटना पुलिस और जानकारी एकत्र कर रही है। पटना के एएसपी ऑपरेशन अनुपम कुमार ने बताया कि पटना के कई नक्सलियों से इसके संबंध हैं। ऐसे में इन लोगों से पूछताछ के बाद कई और जानकारी मिल सकती है जो आगे के इंवेस्टिगेशन में काम आएगी। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन नक्सलियों का संपर्क तो झारखण्ड के बड़े नक्सली लीडर से है। इसके भी प्रमाण जुटाए जा रहे हैं।

डॉक्टर कर रहा था लाइनअप

इंद्रजीत के इलाज के लिए मसौढ़ी का एक डॉक्टर एक्टिव था। जब इंद्रजीत को ट्रेन से पटना लाया जा रहा था उस वक्त भी डॉक्टर अरविन्द उनसे फोन पर लगातार संपर्क में था। सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि अरविन्द और इन नक्सलियों के कनेक्शन की जांच हो रही है। फिलहाल अरेस्टिंग नहीं हो सकती है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनका कम्पाउंडर भवानी शंकर उर्फ मुन्ना को पुलिस ने अरेस्ट किया है जो इनके साथ वहां मौजूद था।

नर्सिंगहोम को देना होगा जवाब

इंद्रजीत के इलाज मामले में अब ईश्वर दयाल नर्सिंग होम को भी पुलिस की पूछताछ से गुजरना होगा। जल्द ही पुलिस की ओर से नर्सिंग होम को नोटिस सर्व किया जाएगा। सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस नर्सिंग होम से यह पूछेगी कि गोली लगे पेशेंट के आने के बाद भी लेट से इंफॉर्मेशन क्यूं दी गई। 14 जून से उसका इलाज चल रहा था और पत्रकार नगर थाने को 18 तारीख को जानकारी दी गई। उन्होंने कहा पुलिस इस पूरे मामले में नर्सिंगहोम की लापरवाही मानते हुए उसे भी कांस्पिरेसी में शामिल मानेगी।

एक और नक्सली हॉस्पीटल से गिरफ्तार

वहीं दूसरी ओर पुलिस ने एक और नक्सली सुभाष यादव को गिरफ्तार किया है। वह कुर्जी होली फैमिली में इलाज करवा रहा था। पुलिस को गुप्त इंफॉर्मेशन मिली थी जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उसे दबोचा गया। मसौढ़ी का रहने वाला सुभाष ने 24 मई 2010 को मां और बेटे चमेली देवी और मिथिलेश कुमार की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह फरार था। सुभाष का भाई राधेश्याम यादव भी बड़ा नक्सली है जिसे पुलिस ने 2010 में जक्कनपुर के चांदपुर बेला से अरेस्ट किया था।

1. इंद्रजीत यादव उर्फ कपिलदेव यादव

उम्र : 35 साल, मध्य जोन का जोनल कमांडर

महादार चक, डुमरिया, गया।

एक्टिव एरिया : लातेहार, गुमला, चतरा, पलामू, गढ़वा, लोहरदग्गा।

नक्सल कनेक्शन : झारखण्ड के बड़े नक्सलियों से संबंध।

2. संतोष कुमार

उम्र : 28 साल, टंडवा, नालंदा।

एक्टिव एरिया : पटना सहित झारखण्ड के कई इलाके में रहा एक्टिव, बेऊर जेलब्रेक की साजिश करने का आरोप, हथियारों के जखीरा के साथ गिरफ्तार

नक्सल कनेक्शन : कुख्यात नक्सली सुबोध जी का खास, उसके इशारे पर कुछ भी करने को तैयार, कई बड़े नक्सलियों से गहरे संबंध।

3. उमेश यादव उर्फ चौधरी जी

उम्र : 48 साल, करपी, अरवल

एक्टिव एरिया : जहानाबाद, पटना सहित झारखण्ड के कुछ खास इलाकों में रहा एक्टिव, जहानाबाद जेल ब्रेक के दौरान हुआ फरार।

नक्सल कनेक्शन : सेंट्रल कमेटी का मेम्बर और झारखण्ड हार्डकोर नक्सली अरविन्द जी उर्फ अरविन्द का खास आदमी, घायल नक्सलियों के इलाज का जिम्मा।

4. भवानी शंकर यादव उर्फ मुन्ना,

उम्र : 25, नदमा, मसौढ़ी, पेशे से कंपाउंडर

एक्टिव एरिया : पटना और आसपास

नक्सल कनेक्शन : भाई मनी झारखण्ड का एक्टिव

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