पटना ब्‍यूरो। आईसीएलईआई साउथ एशिया, बिहार सरकार के कम कार्बन कार्य योजना (लो कार्बन एक्शन) को जमीन पर लाने में सरकार के तकनीकी सहयोगी के रूप में काम करेगी। दरअसल, देश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में बिहार सरकार भी अपना योगदान करना चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पिछले दिनों अपनी बैठकों में इसको लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं। इसके तहत सरकार ने कम कार्बन कार्य योजना (लो कार्बन एक्शन) तैयार की है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आईसीएलईआई साउथ एशिया बिहार सरकार के तकनीकी साझेदार के रूप में काम करेगा।

आईसीएलईआई साउथ एशिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ईमानी कुमार ने बताया कि सरकार का मानना है कि राज्य में कचरा और गंदे पानी का प्रबंधन ठीक से किया जाय तो ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को 60 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इस पहल के तहत सरकार ने कम कार्बन कार्य योजना (लो कार्बन एक्शन) तैयार की है। सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2070 की समय-सीमा तय की है।

उन्होंने बताया कि आईसीएलईआई दक्षिण एशिया बिहार सरकार के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उल्लेखनीय सहयोग करेगा। आईसीएलईआई साउथ एशिया ने बिहार सरकार के साथ मिलकर अपशिष्ट क्षेत्र के लिए एक कम कार्बन कार्य योजना तैयार की है। इस योजना से कचरे से पैदा होने वाले ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

बेदो श्रुति सदोखान, एसोसिएटेड डायरेक्टर ने बताया कि कचरा प्रबंधन को लेकर आईसीएलईआई साउथ एशिया ने अबतक कई उल्लेखनीय काम किए हैं। इसने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू अपशिष्ट जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का डेटा इकट्ठा किया। डेटा का उपयोग करके कचरे से होने वाले जीएचजी उत्सर्जन की सूची तैयार की। बिहार सरकार और हितधारकों के साथ बातचीत के आधार पर कम कार्बन के उत्सर्जन में किये जाने वाले कार्यों की सिफारिशें तैयार की हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हमारी विशेषज्ञता सरकार को अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक साबित होगी।