पटना (ब्यूरो)। नेपाल से भारत में अवैध रूप से प्रवेश करते पांच रोहिंग्या को गिरफ्तार किया गया है। इसमें म्यांमार की महिला और उसके चार बेटे शामिल हैं। इन्हें सीमा पार करा रहे दरभंगा के तीन लोग भी पकड़े गए। महिला बच्चों के साथ यहां से दिल्ली जाने वाले थी। बताया जाता है कि उसका पति दिल्ली में ही कहीं रहता है। इन्हें भारत में बसाने की तैयारी थी। उनके पास पासपोर्ट व वीजा नहीं मिला। इनसे पूछताछ की जा रही है।

आठ को शक के आधार पर पकड़ा

लौकहा में बार्डर आउट पोस्ट पर एसएसबी 18वीं बटालियन के जवानों ने शनिवार को नेपाल से आते समय आठ लोगों को शक के आधार पर पकड़ा। पूछताछ के बाद लौकहा थाने की पुलिस को सौंप दिया। जवानों ने बताया कि लौकहा की सीमा पर कस्टम चेक पोस्ट के समीप नकाब लगाए महिला, चार बच्चों व तीन लोगों को पकड़ा गया। पूछताछ में विदेशी महिला समेत अन्य सहयोगी घबराने लगे। उक्त महिला ने अपना नाम बेगम ताहिरा निवासी म्यांमार के बोतीदांग प्रदेश के आइकाप जिले का बताया। भारतीय सहयोगियों की पहचान दरभंगा जिले के घनश्यामपुर बसौली निवासी मो। फरमुद (64) पिता मो। यूसुफ, घनश्यामपुर निवासी मो। कादिर (51) पिता रोसो व सिमरी निवासी मो। नियामत (41) पिता मो। युनूस के रूप में हुई।

महिला के पास पासपोर्ट नहीं

महिला ने बताया कि वह नेपाल के काठमांडू से इन तीनों लोगों के साथ यहां तक आई। इन लोगों ने उससे कहा था कि भारत में हमारे घर पर ठहर कर दिल्ली चली जाना। महिला के पास पासपोर्ट नहीं मिला है। महिला के पास से फोटो रहित यूएनएचसीआर का प्रमाणपत्र मिला है। पूछताछ में पता चला कि महिला की मुलाकात काठमांडू में साथ पकड़े गए तीनों भारतीयों व उनके संबंधियों से हुई। भारतीयों ने महिला को उसके बच्चों के साथ लौकहा बार्डर के रास्ते दिल्ली पहुंचाने और वहां उसके पति से मिलवाने का भरोसा दिया था। तीनों भारतीयों के पास से 10 हजार पांच सौ रुपये भी बरामद हुए। यह भी पता चला कि जब तक महिला के दिल्ली पहुंचने का प्रबंध नहीं हो जाता, तब तक उसे दरभंगा में किसी सुरक्षित स्थान पर रखने की तैयारी थी।

महिला और बच्चे रोहिंग्या

एसएसबी के इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि पकड़ी गई महिला और बच्चे रोहिंग्या मुस्लिम हैं। दरभंगा के तीन लोग इन्हें लेकर भारत में प्रवेश कर रहे थे। दरभंगा के तीनों लोग कालीन के कारोबार के सिलसिले में नेपाल जाया करते थे।