-हाई कोर्ट ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का भी दिया आदेश

PATNA: लॉकडाउन के दौरान सारण पुलिस द्वारा मिल्क टैंकर के ड्राइवर को अवैध तरीके से गिरफ्तार करने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है। सुमित कुमार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। 18 सितंबर को सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। सारण पुलिस ने मई महीने में बिना एफआइआर दर्ज किए ही ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था। ड्राइवर का कोई अतापता नही होने पर 15 मई को ई-मेल के जरिये याचिका हाईकोर्ट को भेजी गई। कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जाहिर की कि सारण पुलिस ने जिस मामले में गिरफ्तारी की पुष्टि 15 मई के पहले कर दी उसी मामले की प्राथमिकी 3 जून को दर्ज की गई।

बिना एफआईआर गिरफ्तारी अवैध

ज्ञात हो कि यूपी के बस्ती जिले का निवासी चालक जितेंद्र कुमार मेरठ से दूध टैंकर लेकर बिहार आया था। 29 अप्रैल 2020 को लाकडाउन के दौरान सारण जिले में उसके वाहन से किसी व्यक्ति को धक्का लग गया। इसके बाद वह टैंकर लेकर फरार हो गया। बाद में इसी दिन दरियापुर थाने के पुलिसकर्मी द्वारा उसे गिरफ्तार कर परसा थाना को सौंपा गया। कंपनी की ओर से याचिकाकर्ता सुमित कुमार ने 15 मई को ई-मेल के जरिये पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए दावा किया कि पुलिस ने बिना किसी प्राथमिकी के ही जितेंद्र को गिरफ्तार किया है। 4 जून को इसी मामले की सुनवाई में परसा थाने के थानेदार की रिपोर्ट पेश हुई थी। जिससे पता चला कि मामले में 3 जून को एफआइआर दर्ज की गई। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया कि चालक की गिरफ्तारी बिना किसी एफआइआर के थी। इस लिए गिरफ्तारी पूरी तरह अवैध थी।