-पटना जिले की 14 सीटों में 7 पर एनडीए और 6 पर महागठबंधन की जीत

- मोकामा में निर्दलीय बाहुबली अनंत सिंह जीते

- नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव मुश्किल से बचा पाए अपनी सीट

PATNA : बिहार चुनाव के मैदान में एनडीए को मुंह की खानी पड़ी। पीएम नरेन्द्र मोदी की तमाम सभाएं भी काम नहीं आई। कई केन्द्रीय मंत्रियों का बिहार दौरा खाली चला गया। मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार महागठबंधन ने नीतीश कुमार को घोषित कर दिया था पर एनडीए ने किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करना महंगा पड़ा। बिहार ने लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को चुना और विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार को। दो बिखरी समाजवादी धारा अपने-अपने स्वार्थ के लिए ही सही जब एक हुई तो दक्षिणपंथी धारा की हार हुई। इन सबों के बावजूद पटना जिले में ज्यादातर सीटों पर कमल ही खिला।

दीघा- यहां से बीजेपी के संजीव चौरसिया ख्ब्779 वोट से चुनाव जीत गए। दूसरे स्थान पर रहे महागठबंधन के राजीव रंजन। राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक इसी विधान सभा में पड़ते हैं। यहां से जेडीयू की पूनम देवी सीटिंग विधायक थीं। वे जेडीयू से बागी हो गईं और हम में चली गईं थीं। इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। यहां जेडीयू के राजीव रंजन प्रसाद का मुकाबला बीजेपी के संजीव चौरसिया से मुकाबला हुआ। दीघा में ओवरब्रीज बनाने से लेकर दीघा सड़क को चौड़ी करने आदि जैसे काम के बावजूद जेडीयू को हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन चूंकि नीतीश कुमार की सरकार बन रही है इसलिए बहुत संभव है राजीव रंजन को कोई बड़ी जवाबदेही नीतीश कुमार अपनी सरकार में दे सकते हैं। संजीव चौरसिया की सबसे बड़ी खासियत कहें कि वे राजनीतिक घराने से आते हैं।

बाकीपुर- यहां से नितिन नवीन फ्97म्7 वोट से चुनाव जीते। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के कुमार आशीष। इस विधान सभा चुनाव में बिहार में बीजेपी की खराब स्थिति के बावजूद बीजेपी के नितिन नवीन ने अपनी सीट बचा ली। इनकी स्थिति शुरू से मजबूत थी। बीजेपी की जो कंफर्म सीटें थी उसमें बांकीपुर सीट भी थी।

कुम्हरार-बीजेपी के अरुण कुमार सिन्हा भी अपनी सीट बचा पाने में सफल रहे। वे फ्7ख्7भ् वोट से चुनाव जीते। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के अकील हैदर। अरुण सिन्हा सीटिंग विधायक भी हैं। अरुण सिन्हा की संघर्षशील छवि ने इन्हें फिर से विधायक बना दिया।

पटना साहिब- यहां से शुरुआती रूझानों में आरजेडी के संतोष मेहता आगे चल रहे थे लेकिन आखिरकार बीजेपी नेता नंद किशोर यादव ख्779 वोट से चुनाव जीत गए। संतोष दूसरे स्थान पर रहे। सबसे ज्यादा वोट से चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाने वाले नंद किशोर यादव को भी इसकी उम्मीद न होगी कि वे इतने कम अंतर से जीतेंगे। हालांकि वे अपनी जीत का छक्का लगाने में सफल हुए। नंद किशोर यादव नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ यहां से सीटिंग विधायक भी रहे।

मोकामा-आखिरकार अनंत सिंह जेल में रहकर चुनाव लड़ते हुए भी जीत गए। क्8000 वोट से वे चुनाव जीत गए। जेडीयू के नीरज कुमार दूसरे स्थान पर रहे। अनंत जेडीयू के टिकट से सीटिंग विधायक थे, लेकिन हत्या के एक मामले में जेल जाने के बाद जेडीयू ने उनका टिकट काट लिया और एमएलसी नीरज कुमार को टिकट दिया था। ऐसे में अनंत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बताया कि उनकी अपनी धाक उनके क्षेत्र में बरकरार है। एनडीए ने यहां से लोजपा के कन्हैया कुमार को टिकट दिया था। कन्हैया, सूरजभान िसंह के भाई हैं।

बाढ़-ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू 8फ्भ्9 वोट से जीत गए। वे जेडीयू के टिकट से सीटिंग विधायक थे। बाद में वे बागी होकर बीजेपी में चले गए थे। बीजेपी के ज्ञानू का मुकाबला जेडीयू के मनोज कुमार सिंह से था। मनोज दूसरे स्थान पर रहे।

बख्तियारपुर- यहां से बीजेपी के रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया 79फ्क् वोट से जीत गए। यहां से आरजेडी के सीटिंग विधायक रहे अनिरुद्ध कुमार दूसरे स्थान पर रहे।

फतुआ-आरजेडी के रामानंद यादव यहां से चुनाव जीत गए हैं। वे फ्0ब्0ख् वोट से जीत गए। एनडीए ने यहां से लोजपा के सत्येन्द्र कुमार सिंह को मैदान में उतारा था। सत्येन्द्र दूसरे स्थान पर रहे।

दानापुर- यहां से बीजेपी की आशा देवी भ्ख्09 वोट से जीत गईं। राजकिशोर यादव दूसरे स्थान पर रहे। आशा देवी सीटिंग विधायक थीं। आशादेवी की संघर्षशील छवि ने उन्हें जीत दिला दी।

मनेर- यहां से आरजेडी के भाई वीरेन्द्र सीटिंग विधायक फिर से जीत गए हैं। वे ख्ख्8ख्8 वोट से जीत गए। इनका मुकाबला बीजेपी के श्रीकांत निराला से था। निराला दूसरे स्थान पर रहे।

फुलवारी-यहां से मंत्री श्याम रजक फिर से चुनाव जीत गए। ब्भ्भ्8क् वोट से वे चुनाव जीते। राजेश्वर मांझी दूसरे स्थान पर रहे। श्याम रजक का एक बार फिर मं˜ाी बनना तय है।

मसौढ़ी- यहां से आरजेडी की रेखा देवी ब्0000 वोट से चुनाव जीत गईं। दूसरे स्थान पर नूतन पासवान रही। जेडीयू के अरूण मांझी यहां से सीटिंग विधायक थें।

पालीगंज- आरजेडी के जयव‌र्द्धन यादव ख्ब्ब्भ्फ् वोट से चुनाव जीते। दूसरे स्थान पर बीजेपी के रामजन्म शर्मा रहे। यहां से बीजेपी की ऊषा विद्यार्थी सीटिंग विधायक थी। इनका टिकट बीजेपी ने काट लिया था।

विक्रम- यहां से कांग्रेस के सिद्धार्थ ब्ब्फ्ख्8 वोट से चुनाव जीते। दूसरे स्थान पर बीजेपी के अनिल कुमार रहे। अनिल कुमार सीटिंग विधायक थे।