-फ‌र्स्ट फेज का शुभारंभ 7 फरवरी को करेंगे सीएम नीतीश कुमार

-सेकेंड फेज अप्रैल-मई में शुरू होगा, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से मिल चुकी सहमति

PATNA: बिहार विधानसभा भवन 7 फरवरी को शतक पूरा कर रहा है। इस अवसर पर दो चरणों में प्रोग्राम होंगे। फ‌र्स्ट फेज की शुरुआत 7 फरवरी को होगी, जिसका इनॉगरेशन सीएम नीतीश कुमार करेंगे। बजट सत्र के बाद अप्रैल-मई के दौरान सेकेंड फेज की शुरुआत होगी, जो पूरे वर्ष चलेगा। इसके उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और समापन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आमंत्रित किए गए हैं। सहमति भी मिल चुकी है। अभी तारीख तय नहीं हुई है। फ‌र्स्ट फेज में बिहार के संसदीय इतिहास और कार्य संस्कृति पर विमर्श होगा।

सेंट्रल हॉल में दो सेशन में प्रोग्राम

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कार्यक्रम के बारे में मीडिया को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा के नवनिर्मित सेंट्रल हॉल में संडे को दो सत्रों में कार्यक्रम होंगे, जिसका शुभारंभ सीएम नीतीश कुमार करेंगे। पहले सत्र को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के साथ राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी भी संबोधित करेंगे। पूर्व स्पीकर विजय कुमार चौधरी धन्यवाद ज्ञापन करेंगे।

विधायकों की लगेगी पाठशाला

दूसरे सत्र में विधायकों की पाठशाला लगेगी, जिसमें केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद विधानसभा एवं विधान परिषद के सदस्यों को विधायी नियमों की जानकारी देंगे। सदस्यों को जनहित के मामले पर सदन में विमर्श की प्रक्रिया, अधिकार एवं उनके दायित्व के बारे में बताया जाएगा। इस सत्र को राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी भी संबोधित करेंगे। इस दौरान सदस्यों की जिज्ञासा का समाधान भी होगा।

7 फरवरी 1921 को हुई थी पहली बैठक

स्पीकर ने बताया कि 1919 में बिहार-ओडिशा को स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था। लॉर्ड सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा पहले गवर्नर बने थे। प्रांतीय परिषद के मेंबर्स की संख्या बढ़ने से एक भवन की जरूरत महसूस हुई, जो 1920 में बनकर तैयार हुई, जो अब विधानसभा के रूप में जाना जाता है। इसमें 7 फरवरी 1921 को बिहार-ओडिशा प्रांतीय परिषद की पहली बैठक हुई थी।

लोगों तक पहुंचे सकारात्मक पक्ष

स्पीकर ने मीडिया से बताया कि बजट सत्र में 22 बैठकें होनी हैं। सदन में विमर्श का सकारात्मक पक्ष आम जन तक पहुंचाने में मीडिया की बड़ी भूमिका होती है। विधायकों के बारे में कई भ्रांतियां लोगों में रहती हैं। लेकिन सच्चाई है कि उनमें सेवा भाव भी होता है। उनके उस पक्ष की भी चर्चा होनी चाहिए।