पटना (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बक्सर जिला स्थित ब्रह्मïपुर में बाबा ब्रह्मïेश्वर नाथ मंदिर के विकास एवं सुंदरीकरण योजना का शिलान्यास किया। इस योजना की लागत 8.74 करोड़ रुपये है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन सभी मंदिरों का सर्वेक्षण करा उनकी चहारदीवारी कराएगी, जहां श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचते हैैं। वर्ष 2018 में बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिर, जो धार्मिक न्यास परिषद से जुड़े हुए हैैं, की चहारदीवारी के निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। अब तक लगभग 295 मंदिरों की चहारदीवारी की गई है। इससे मंदिर की जमीन अतिक्रमण से मुक्त रहेगी। परिसर से किसी वस्तु के चोरी होने का भय भी नहीं रहेगा।

विकसित करने का निर्णय लिया गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के अंतर्गत परंपरागत शवदाह गृह को मोक्षधाम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 43 स्थलों को चयनित करने का काम शुरू किया गया है ताकि अंतिम संस्कार में लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। कांवरिया पथ की चर्चा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में सरकार में आने के पहले हम सभी जगहों का दौरा कर रहे थे। उस समय सावन का ही महीना था। हमने देखा कि जिस रास्ते से लोग पैदल कांवर लेकर जा रहे हैैं, वह काफी कठिन है। सरकार में आने के बाद वर्ष 2008 में उस 80 किमी कठिन रास्ते को हमलोगों ने बनाया। अब शिवभक्तों को पैदल चलने में काफी सहूलियत होती है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रख सुरक्षा, स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराई। गया के विष्णुपद मंदिर फल्गु नदी के पास बड़ी संख्या में प्रति वर्ष श्रद्धालु आते हैैं। वहां पानी काफी किल्लत रहती थी। उसे ध्यान में रख जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को ले रबर डैम का निर्माण कराया जा रहा। सीता कुंड से विष्णुपद मंदिर तक जाने के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा ताकि लोगों को सहूलियत हो।

हमने सदैव सभी धर्मो का ख्याल रखा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सदैव सभी धर्मो का ख्याल रखा है। बौद्ध धर्म हो, जैन धर्म, सिख या फिर इस्लाम धर्म हो, सभी धर्मो के लिए काम किया है। खानकाह मुजाबिया, खानकाह मुनीमिया, मित्तन घाट व मनेर शरीफ आदि का जीर्णोद्धार हुआ। विकास कार्यों के अलावा बौद्ध महोत्सव, गुरु गोविंद सिंह प्रकाशोत्सव, कुंडलपुर महोत्सव व वैशाली महोत्सव का आयोजन होता है।