पटना ब्‍यूरो। 55 वर्षीय मरीज अब सामान्य जिंदगी जीने लगे हैं। चौथे स्टेज पर पहुंच चुके किडनी के कैंसर से लड़कर वे अपनी दिनचर्या का काम खुद कर रहे हैं। बात हो रही है पटना के रतींद्र कुमार सिंह (बदला हुआ नाम)की, जिन्हें चार साल पहले किडनी के कैंसर के साथ नारायणा कैंसर सेंटर लाया गया था। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। अभिषेक आनंद की देखरेख में उनका इलाज शुरू हुआ। जांच में पता चला कि उनका कैंसर चौथे स्टेज पर पहुंच गया है। यहां उन्हें एक साल तक टारगेट दवाई दी गयी। सालभर के बाद फिर से जांच कराई गयी तो पता चला कि बीमारी बढ़ने के कारण उन्हें कुछ खास राहत नहीं मिली थी। इसके बाद इम्युनो थेरेपी शुरू करायी गयी। इम्यूनो थेरेपी के बाद धीरे-धीरे मरीज में सुधार आना शुरू हुआ। डॉ। अभिषेक ने बताया कि मरीज का इलाज अभी भी जारी है मगर कैंसर इतना नियंत्रण में है कि वे अपनी दिनचर्या से जुड़े कामकाज खुद कर पा रहे हैं।
डॉ। अभिषेक बताते हैं कि इन दिनों किडनी के कैंसर बहुत से मामले देखे जा रहे हैं। ज्यादातर मामलों में मेटास्टेटिक होने की आशंका रहती है। इसमें कैंसर का फैलाव होता चला जाता है। शुरुआती दौर में इसे सर्जरी करके निकाला जा सकता है मगर कैंसर का फैलाव शरीर के अन्य अंगों में हो जाने के बाद सर्जरी संभव नहीं होती है। इसे दवाई या थेरेपी से ही ठीक किया जा सकता है। यह प्रक्रिया बहुत लम्बी अवधि की हो सकती है।
किडनी कैंसर के मामले में टारगेट थेरेपी और इम्यूनो थेरेपी के जरिए मरीज के जीने संभावना को बढ़ाया जा सकता है। पेशाब में खून आना, पेट में दर्द रहना किडनी कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं। इस तरह के कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि लक्षण दिखते ही जांच कराना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ताकि बीमारी फैलने से पहले इलाज शुरू किया जा सके।