पटना ब्‍यूरो। मारबो रे सुगवा धनुष से कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, होख न सुरुज देवा सहाय आदि छठ गीतों के साथ व्रती घरों से निकलकर घाट की ओर से जा रहे थे। घरों लेकर घाटों तक आस्था का सैलाब नजर आ रहा था। लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को छठ व्रतियों ने शहर के विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना की। सोमवार को सप्तमी तिथि के दिन छठ व्रती उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण कर चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व का समापन करेंगे। रविवार को अस्ताचलगामी को सूर्य देने को लेकर दोपहर तीन बजे से छठ व्रती व उनके परिजन शहर स्थित गंगा घाटों पर अर्घ्य देने के लिए पहुंचने लगे थे। परिजन, पड़ोसी, मित्र आदि माथे पर दउरा, केला, ईंख, नारियल ले कर चलते दिखे। गांधी मैदान, बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, गांधी घाट समेत अन्य घाटों पर शाम करीब चार बजते बजते भीड़ बढऩे लगी थी। घाट पर कई व्रती दंडवत होते हुए घाट की बढ़ रहे थे। तमाम श्रद्धालु इन व्रतियों के पैर छू कर आशीष प्राप्त करते नजर आए। ज्योतिष आचार्यों ने पंचांगों के हवाले से बताया कि रविवार षष्ठी तिथि के दिन आद्र्रा नक्षत्र में व्रतियों ने अस्ताचलगामी को अघ्र्य दिया। वहीं, सोमवार सप्तमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र व सुकर्मा योग में उदीयमान सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा।

दूरी पर भारी पड़ी आस्था :
शहर के कई घाटों पर गंगा दो तीन किलोमीटर चले जाने के बाद भी व्रतियों की आस्था भारी रही। व्रतियों को पैदल घाट तक जाने को लेकर नगर निगम, जिला प्रशासन व विभिन्न पूजा समिति की ओर से खास व्यवस्था की गई थी। रास्ते को समतल बनाने के साथ व्रतियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसका सभी ने ध्यान रखा। भीड़ का नियंत्रण करने के लिए पुलिस बल व स्वयं सेवी संगठनों का काफी योगदान रहा। घाटों पर बने वाच टावर के जरिए निगरानी रखी जा रही थी। शहर के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अस्थायी तालाब व पार्क व घरों में भी व्रतियों ने भास्कर को अर्घ्य देकर परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना की। व्रत को लेकर युवाओं में खास जोश दिखा। युवाओं की टोली ने अपने मोबाइल से यादगार पल को कैद करते नजर आए। इंटरनेट मीडिया पर छठ व्रत की फोटो लोगों ने खूब प्रसारित की।