डायरेक्ट कंसर्न जरूरी
हर कॉलेज में अब गल्र्स को इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है। ऐसे में अगर स्टूडेंट्स को कुछ कहना होता है, तो वह इंटरनेट का यूज बखूबी करती हैं। मगध महिला कॉलेज की पॉलिटिकल साइंस की एचओडी डॉ। शशि शर्मा ने बताया कि हम लोगों ने स्टूडेंट्स को डायरेक्ट बात करने के लिए कह रखा है। जब तक स्टूडेंट्स टीचर्स से डायरेक्ट टच में नहीं रहेंगी, तब तक स्टूडेंट्स हमारे साथ फ्री नहीं रह सकतीं। अब चाहे पास में आकर कहें, या ईमेल करें। वो अपनी सुविधा के अनुसार करती हैं। वहीं एनएसएस की को-ऑर्डिनेटर अरूणा चौधरी ने बताया कि कॉलेज में यह सुविधा तमाम स्टूडेंट्स को दी गई है। क्योंकि अब पूरा कॉलेज ही एक वाई-फाई जोन है।

ईमेल से quick response
ईमेल हर कोई डेली चेक करता है। ऐसे में अगर प्रिंसिपल के पास स्टूडेंट््स का मेल आता है, तो वह शिकायत जल्दी सुनी जाती है। इस संबंध में अरविंद महिला कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। आशा सिंह ने बताया कि शिकायत पेटी को खोलने में आज-कल के चक्कर में टाइम लग जाता है। लेकिन अगर स्टूडेंट्स डायरेक्टर अपनी बातों को हमारे पास भेजती हैं, तो वह हमारे जेहन में तुरंत आती है और उसका सॉल्यूशन भी जल्दी होता है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को हम इस ओर प्रेरित करते हैं क्योंकि शिकायत पेटी में भेजने से हमारे पास शिकायत काफी लेट पहुंचती है। इसलिए स्टूडेंट्स अब अपनी शिकायतों को शिकायत पेटी में नहीं डालती हैं। जेडी वीमेंस कॉलेज की हिन्दी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर रेखा मिश्रा ने बताया कि कॉलेज में शिकायत पेटी तो लगी है और टाइम टू टाइम उसे खोला भी जाता है। लेकिन उसमें शिकायतें काफी कम होती हैं। क्योंकि अब गल्र्स डायरेक्ट बोलकर या ईमेल के माध्यम से हमारे पास अपनी शिकायतें पहुंचाती हैं.

The most common complains
- कॉलेज आने पर रास्ते में किसी तरह की प्रॉब्लम होने पर.
- कॉलेज के बाहर लड़कों के जमा रहने से होने वाली प्रॉब्लम।
- कैंटीन के खाने की क्वालिटी को लेकर.
- कई कॉलेजों में कैंटीन नहीं है, इसकी भी शिकायत प्रिंसिपल के पास पहुंचती है.
- किसी डिपार्टमेंट में क्लास नहीं होने पर.
- कॉलेज की बेसिक प्रॉब्लम्स को लेकर.
- वॉशरूम के हाइजीन को लेकर.

National News inextlive from India News Desk