- लगभग 70 फीसदी मामले बाहर से आने वालों के ही हैं

- पटना में रविवार को 24 नए माइक्रो कंटेनमेट जोन बनाए गए

PATNA :

बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसमें सर्वाधिक मामले अकेले पटना के शहरी क्षेत्र में हैं। आंकड़ों की मानें तो नए और सर्वाधिक मामले प्रवासियों के कारण ही बढे़ हैं। अनुमान के मुताबिक लगभग 70 प्रतिशत मामले का कारण प्रवासी लोगों का यहां आना है। हालांकि सरकार यह दावा कर रही है कि 13 मार्च से ही शहर के सभी मुख्य एंट्री प्वाइंट पर जांच शुरू कर दी गई। लेकिन हालात बता रहे हैं कि इसे प्रभावी तरीके से नहीं किया गया। सभी लोगों की जांच नहीं हो सकी जो अब भी जारी है। अब इसके भयावह नतीजे दिख रहे हैं। पटना में रविवार को एक्टिव केसेज की संख्या बढ़कर 1549 और प्रदेश स्तर पर यह आंकड़ा 3560 हो गया है। रविवार को यहां 29 नए कंटेनमेंट जोन बनाए गए है। इसके साथ ही यहां इसकी कुल संख्या 141 हो गई है।

बाहर से आ रहे कई मामले

रविवार को प्रदेश स्तर पर 67033 सैंपलों की जांच की गई। इसमें से कुल 864 नए संक्रमित मामले मिले हैं। इसमें कई केसेज बाहर से आने वालों के हैं। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि लगातार सावधानी बरती जा रही है। इससे पहले बाहर से आने वाले वालों में पटना में कच्छ का एक, साहेबगंज का एक और धनबाद के एक व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव पाया गया है। इसके साथ ही जमुई में बनारस का एक, भागलपुर में साहेबगंज के एक व्यक्ति का सैंपल भी पॉजिटिव पाया गया है।

पटना में कोरोना के 372 नए मामले

रविवार को पटना में कोरोना संक्रमण के 372 नए मामले मिले हैं। इसके साथ ही यहां इसके एक्टिव केस की संख्या 1549 हो गया है। यह लगातार दूसरा दिन है जब 350 से अधिक मामले महज 24 घंटे में दर्ज किए गए हैं। तीन अप्रैल को 359 और दो अप्रैल को 287 नए मामले मिले थे। पटना नए केसेज और एक्टिव केसेज के मामले में सबसे संवेदनशील जिला बन गया है। एक्टिव केसेज के करीब 45 प्रतिशत और नए मामले में भी लगभग 45 से 48 प्रतिशत मामले अकेले पटना में मिल रहे हैं। बढते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार समीक्षा बैठक कर रहा है। रविवार की शाम भी स्वास्थ्य विभाग के आधा अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, सुपरीटेंडेंट और सिविल सर्जन इसमें मौजूद रहे।

पटना के दो संक्रमित की मौत

पटना एम्स में रविार को जारी बुलेटिन में बताया गया कि यहां कोविड वार्ड में एडमिट तीन संक्रमित की मौत हुई है। इसमें से दो पटना के हैं। इसमें एक शाहपुर गांव के निवासी 65 वर्षीय सुरेंद्र प्रसाद और न्यू बैंक कॉलोनी, दीघा निवासी 43 वर्षीय निवेदिता वर्मा की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा यहां पश्चिमी चंपारण के 72वर्षीय त्रिलोक चंद्रा की मौत हुई है। रविवार को यहां सात पेशेंट का एडमिशन कोरोना वार्ड में किया गया। इसमें पटना के बहादुरपुर, सगुना मोड, राजेंद्र पथ समेत केरल राज्य के दो पेशेंट भी एडमिट किए गए हैं। रविवार को यहां से आठ पेशेंट को डिस्चार्ज किया गया।

जागरूकता रथ रवाना

रविवार को पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पीएमसीएच परिसर से आठ जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रथ के द्वारा पटना के शहरी क्षेत्र में कोरोना की रोकथाम एवं बचाव के लिए लोगों को मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करने, सैनिटाइजर से नियमित अंतराल पर हाथ धोने और दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

पीएमसीएच में होंगे 100 बेड

वर्तमान में कोरोना वार्ड के लिए 36 बेड कार्यरत है। इसमें 18 वेंटिलेटर है। सोमवार से यहां कुल 100 बेड तैयार होगा संक्रमित पेशेंट के एडमिशन के लिए। इसकी जानकारी पीएमसीएच के सुपरीटेंडेंट डॉ आईएस ठाकुर ने डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के विजिट के दौरान बताया। यहां वैक्सीनेशन के लिए दो सेशन साइट है और यहां वैक्सीनेशन जारी है। विजिट के दौरान अपर समाहत्र्ता विधि-व्यवस्था के के सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर नितिन कुमार सिंह समेत वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

एनएमसीएच में स्टूडेंट संक्रमित

एनएमसीएच में रविवार को यहां के स्किन डिपार्टमेंट की एक पीजी स्टूडेंट कोरोना संक्रमित मिली है। मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि यहां अभी 23 पेशेंट कोरोना वार्ड में एडमिट हैं। जबकि रविवार को वैक्सीनेशन सेंटर पर 120 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।