-भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की दो दिवसीय बैठक

-दीपंकर बोले, केंद्र सरकार किसान और मजदूर विरोधी

PATNA: नए कृषि कानून के खिलाफ देशव्यापी किसान आंदोलन के समर्थन में सैटरडे को भाकपा माले की ओर से प्रदेश व्यापी चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की दो दिवसीय बैठक में शुक्रवार को लिया गया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान महासभा और ग्रामीण मजदूर सभा की सक्रिय भागीदारी रहेगी। मौके पर पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने देश में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसान-मजदूर विरोधी है। कारपोरेट घरानों के हित में नये कृषि कानून लाए गए हैं। इसलिए देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं।

आंदोलन किया जाएगा तेज

बैठक के बाद माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि किसान विरोधी कानून और प्रस्तावित बिजली बिल-2020 को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिहार में धान खरीद की गारंटी करने एवं 400 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना खरीद करने की मांगों को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की किसानों के प्रति नीति उपेक्षापूर्ण है। यही वजह है कि गांव-गांव में कृषि कानून की प्रतियां जलाई जा रही हैं। ग्रामीण मजदूर सभा के महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा कि हमारा संगठन भी पूरे बिहार में आयोजित चक्का जाम आंदोलन में मजबूती से उतरेगा।