पटना ब्‍यूरो। बिहार की राजधानी पटना में रमजान को लेकर बाजार गुलजार हो गया है। मुस्लिम धर्मावलंबियों के सबसे मुकद्दस और पाक महीने रमजान का आगाज संभवत: मंगलवार यानि 11 मार्च से होने जा रहा है.इसके साथ ही बाजार में रोजे को लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई है। राजधानी के सब्जीबाग, न्यू मार्केट, आलमगंज, अनिसाबाद जैसे मुस्लिम बाहुल इलाके में बाजार की रौनक बढ़ गई है। हर तरफ रोजेदार इस तारीख की सामान खरीदने में लगे हुए हैं।

बाजार में बढ़ने लगी भीड़
बाजार में एक तरफ जहां इफ्तार को लेकर सामान खरीदने की भीड़ है। दूसरी तरफ मार्केट में कई अन्य सामान भी उपलब्ध हैं। इनमें फर्द, खनेजी, कीमिया, बांचेज जैसे कई प्रकार के खजूर उपलब्ध हैं। वहीं रोजा के लिए सबसे अहम मिस्वाक भी मिलना शुरू हो गया है। बाजार में खजूर 140 रुपये प्रतिकिलो से लेकर 1200 रुपये प्रति किलो तक में उपलब्ध हैं। वहीं मिस्वाक 10 रुपए से लेकर 40 रुपए प्रति पीस की कीमत में उपलब्ध है।

ट्यूनीशिया के खजूर का स्वाद चखेंगे रोजेदार
रमजान को लेकर इस बार ईरान, ईराक, ट्यूनीशिया आदि का खजूर लोग चखेंगे। त्योहार को लेकर खजूर की बिक्री 10 गुना बढ़ गयी है। ड्राईफ्रूट के थोक कारोबारी गौरव ने बताया कि रमजान को लेकर बाजार में इस बार कई देशों के खजूर का स्वाद रोजेदार चखेंगे। जाहिदी खजूर या इराकी खजूर की मांग काफी है। यह कम कीमत में बाजार में उपलब्ध है। थोक में 80 से 150 रुपये किलों बिक रही है जबकि ईरानी खजूर जिसे कीमिया खजूर भी कहा जाता है उसकी कीमत 300 से 500 रुपये है। बाजार में सबे महंगा ट्यूनीशिया का खजूर है। जिसकी कीमत थोक में ही 1200 रुपये पड़ रहा है। इस खजूर की खासियत स्वादिष्ट होना है.इसमें अधिक गूदा रहता है। स्वास्थ्य के लिए यह लाभदायक माना जाता है। खासकर हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।

अरबी खजूर की मांग ज्यादा
गौरव ने बताया कि अरबी खजूर में अल अजवा की मांग भी अधिक होती है। रमजान में इसकी बिक्री खूब होती है। यह काले रंग का होता है। इसकी कीमत 150 से 600 रुपये किलो हैं। रमजान में खजूर की खप्त बढ़ जाती है। प्रत्येक रोजेदार खजूर खरीदना आवश्यक समझता है।

मिस्वाक की मांग ज्यादा
दरअसल, रमजान में रोजेदार मिस्वाक दातुन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा मानना है कि मिस्वाक करने से रोजेदारों को सवाब मिलता है। रमजान शुरू होते ही मिस्वाक की मांग बढ़ गई है। एक तरफ जहां इराक और सऊदी अरब के विभिन्न प्रकार के खजूर लोगों के बीच में अपनी पहचान को बनाए हुए हैं। वहीं इराक, अफगानिस्तान तथा सऊदी अरब से आए मिस्वाक की भी लोग बखूबी खरीदारी कर रहे हैं।

देशी के साथ विदेशी टोपी हिट
रमजान को लेकर बाजारों में तरह-तरह की टोपियों से दुकानें सजी हुई हैं। धागे और कपड़े से बनी टोपियों के अलावा इन दिनों किरोसियों की डिजाइन की गई टोपियां खूब बिक रही हैं। दुकानदार बरकाती ने बताया कि बाजार में भारत के साथ बांग्लादेश व मलयेशिया में बनी टोपी बिक रही है। बाजारों में हर रेंज की टोपी उपलब्ध है, जिसकी कीमत 20 रुपये से लेकर 250 रुपये तक है।

बांग्लादेश, सऊदी अरब से भी मंगाई गई है विशेष टोपियां
तुर्की, सऊदी अरब और बांग्लादेश से नए-नए डिजाइन की टोपियां मंगाई गई हैं। सबसे खास है तुर्की के कारीगरों की बनाई लकड़ी की टोपी। इसके साथ ही साफा, जा-नमाज (आसन) भी मौजूद हैं। स्टेशन रोड के दुकानदार बताते हैं कि तुर्की, बांग्लादेश, सऊदी अरब से विशेष टोपियां और अन्य कपड़े मंगाए गए हैं लेकिन, तुर्की की टोपी ज्यादा बिक रही है।

महिलाओं को लुभा रहा डिजाइनर बुर्का
महिलाओं के लिए कढ़ाईदार से लेकर डिजाइनर बुर्के बिक रहे हैं। महिलाएं डिजाइनर बुर्के ज्यादा पसंद कर रही हैं। इसके अलावा जालीदार हिजाब भी महिलाओं को पसंद आ रहा है। सब्जी बाग के दुकानदार प्रेम प्रकाश का कहना है कि दुकान पर 450 रुपये से लेकर 3,500 रुपये तक के बुर्कें उपलब्ध है। इसी तरह 150 से 250 रुपये की रेंज में हिजाब मिल रहे हैं।

बढ़ी इत्र की मांग
रमजान के समय में नमाज में इत्र लगाकर पढ़ना अच्छा माना जाता है। शहर के मुख्य बाजारों में इत्र की गई वैरायटी मिल रही हैं.शहर के इत्र की दुकानों पर इनकी खरीदारी के लिए काफी भीड़ भी देखने को मिल रही है। इत्र कारोबारी निजामी इस बार रूह ए गुलाब, इत्र गुलाब के साथ चंपा, गिल, हीना, केवड़ा, कदंबा, शमामा, हरसिंगार, गुलहिना, चंदन, बेला, चमेली, लीची, ऑरेंज, स्ट्रॉबेरी के फ्लेवर में उपलब्ध हैं। इत्र की कीमत 20 रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक की हैं। उनके पास देश के अलावा कई विदेशी कंपनियों के इत्र हैं। खासकर दुबई से मंगाया इत्र खूब पसंद किया जा रहा है।