-दिनकर की कही बातों पर केंद्र सरकार कर रही अमल

PATNA: राष्ट्रकवि दिनकर की रचना जीवन के संघर्ष से लड़ने और जीतने की प्रेरणा देती है। आपातकाल के विरोध में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में गांधी मैदान से आंदोलन का शंखनाद हुआ था तब दिनकर की रचना 'सिंहासन खाली करो कि जनता आती है' आंदोलन का मूलमंत्र बन गया था। 'दिनकर शोध संस्थान' के स्थापना दिवस पर विद्यापति भवन में आयोजित कार्यक्रम में ये बातें बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन अगर रामधारी सिंह दिनकर की जयंती या पुण्यतिथि पर होते तो इसकी महत्ता और बढ़ जाती।

आंदोलनकारी भी थे दिनकर

सुशील मोदी ने कहा दिनकर साहित्यकार ही नहीं आंदोलनकारी भी थे। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर जेपी आंदोलन में उनका अहम योगदान रहा। 1952 में राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद 12 वर्षो तक वे संसद सदस्य रहे। राज्यसभा सदस्य के तौर पर दिनकर का चुनाव स्वयं पंडित नेहरू ने किया था। अश्लील फिल्मों के निर्माण पर दिनकर ने सदन में आवाज उठाई थी। दिनकर की कही बातों पर आज केंद्र सरकार अमल कर रही है। मोदी के अनुसार डिजिटल मीडिया पर भी सरकार की नजरें हैं। बिहार के उप-मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि दिनकर की कविताएं व्यवस्था पर चोट करती हैं।