क्कन्ञ्जहृन्: बिहार में एक ओर बेरोजगारी है और दूसरी ओर सरकार ही नियमों की अनदेखी कर मनमाने रवैये से जूनियर इंजीनियरों (जेई) के लिए आवेदन करने वाले हजारों कैंडिडेट्स के साथ भेदभाव कर रही है। इसके विरोध में बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के बैनर तले प्रदेश भर के डिप्लोमा होल्डर बेरोजगार छात्र 21 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना पर हैं। संडे को डिप्लोमा होल्डरों के प्रति सरकारी उदासीनता को लेकर दस जिलों में मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया गया। पटना में अनीसाबाद गोलंबर से गर्दनीबाग धरना स्थल तक मानव श्रृंखला बनाकर सरकार तक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज पहुंचाने का प्रयास किया गया।

छात्र क्यों कर रहे हैं आंदोलन

जल संसाधन विभाग में जेई के करीब 6500 पदों (मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सिविल) की बहाली होनी है। तय नियम के मुताबिक लिखित परीक्षा के आधार पर डिप्लोमा होल्डरों की बहाली होनी चाहिए। लेकिन यह चयन प्रक्रिया समाप्त कर अब सरकारी और निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों, प्राइवेट डीम्ड यूनिवर्सिटी जैसे शैक्षणिक संस्थानों से डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त छात्रों को प्राप्त अंकों के आधार पर नियमित रोजगार देने की तैयारी है। छात्रों का कहना है कि यह मेधा की अनदेखी है। तकनीकी शिक्षा व्यवस्था को नियमों की अनदेखी कर चौपट किया जा रहा है। संघ के अध्यक्ष अनुभव राज, उपाध्यक्ष सौरभ कुमार, महासचिव रौशन कुमार पटेल ने नेतृत्व किया।

जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के खिलाफ नियुक्ति नियमावली में मनमाना रवैया अपनाते हुए जेई के विभिन्न पदों पर लिखित परीक्षा की बजाय अंकों के आधार पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके खिलाफ फुलवारी शरीफ स्थित महिला पॉलिटेक्निक के सामने डिप्लोमा छात्राओं ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया। इसमें पुष्पा कुमारी, प्रतिक्षा कुमारी, कोमल कुमारी, शालिनी कुमारी और दिव्या कुमारी सहित अन्य कई शामिल हुई।