-जीविका और सीडीपीओ को ग्रामीण इलाकों में नजर रखने का निर्देशा

PATNA: कलेक्ट्रिएट के मीटिंग हॉल में बुधवार को बाल विवाह और दहेज के खिलाफ जागरुकता को लेकर एक मीटिंग आयोजित की गई। इसमें हिन्दू मुस्लिम, सिख और इसाई समुदाय में शादी कराने वाले पुरोहित, मौलवी, ग्रंथी, पादरी के अलावा शादी कार्ड छापने वाले, बैंड बाजा वाले, जीविका एवं सीडीपीओ मौजूद रहे।

प्रिंटिंग-बैंड वाले देंगे घोषणा पत्र

डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि बाल विवाह न सिर्फ सामाजिक कुरीति है। इसके साथ ही वैज्ञानिक रूप से भी यह सिद्ध हो चुका है कि नाबालिग लड़का-लड़की का शरीर शादी के दायित्वों के निर्वहन करने के लिए सक्षम नहीं होता है। इस कारण हम सभी को मिलकर अपने प्रदेश को बाल विवाह से मुक्त कराना है। शादी कार्ड छापने वाले और बैंड बाजा वालों को भी यह घोषणा पत्र देकर बताना होगा कि वर-वधू दोनों बालिग हैं। ऐसा नहीं होने कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वधू की क्8 और वर की ख्क् से कम उम्र नहीं होनी चाहिए। साथ ही जीविका एवं सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया गया कि ग्रामीण एरिया में निगरानी रखें और बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करें। यदि आपके एरिया में बाल विवाह उन्मूलन और दहेजरहित विवाह के संबंध कोई सफलता की कहानी प्रकाश में आती है, तो जिला प्रशासन के साथ साझा करें, ताकि उससे अन्य को प्रेरित किया जा सके। इस क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

इस्लाम में बाल विवाह स्वीकार्य नहीं है। बच्चों के बालिग होने पर खुद निर्णय लेने की बात कही गई है। मौलवी भी बाल विवाह के मामले में निकाह नहीं कराएंगे।

-शाह शमीमउद्दीन मुनएमी सज्जादानशी, खानकाहे मुनएमिया, मितन घाट

हमें बेटियों को पढ़ाना चाहिए, ताकि वे बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो सकें। ऐसी शादी, जिसमें लड़का या लड़की नाबालिग हो तो वे पूजा या शादी नहीं कराएंगे।

आचार्य विवेकानंद वैदिक

ईसाई समुदाय में अवेयरनेस के कारण नाबालिग की शादी नहीं होती है। फिर भी सुनिश्चित करेंगे के भविष्य में नाबालिग की शादी चर्च में न हो।

फादर जीबी पीटर

सिख समाज भी जागरूकता लाकर बाल विवाह रोकने के लिए काम होगा। ऐसी शादियां गुरुद्वारों में न हो। इस पर कमेटी के स्तर पर डिसीजन लिया जाएगा।

ज्ञानी दलजीत सिंह, कथावाचक तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिबनोट