पटना (ब्यूरो)। शहर में लोगों के बीच एक प्यारे कंपेनियन के तौर पर डॉग ने खास जगह बना ली है। कम्पैनियन एनिमल का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है और कोविड के समय से लोगों के बीच पेट पालने की परंपरा और बढ़ी है। ये बातें बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ। रामेश्वर सिंह ने कही। यह मौका रहा रविवार को महाविद्यालय में पेट लवर्स के लिए आयोजित संवाद कार्यक्रम का। इस दौरान महाविद्यालय के डॉक्टरों ने पटना और आसपास से आए लगभग 45 पेट लवर्स की समस्याओं का निदान किया गया। इस अवसर पर डॉ। विवेक कुमार सिंह ने स्किन केयर और ग्रुमिंग पर बातें की। उन्होंने बताया की इंसान के लिए उपयोग में लाये जाने वाले प्रोडक्ट्स जैसे शैम्पू इत्यादि डॉग्स पर न करें क्योंकि इंसान और जानवरों के पीएच लेवल में फर्क होता है जिससे पेट्स को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने हर दिन दो बार पेट्स को ब्रशिंग करने की सलाह जी जिससे उनका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

केयर को लेकर रहे अपडेट
बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ। जेके प्रसाद ने कार्यक्रम में आये सभी पेट लवर्स का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने यह कार्यक्रम डॉग लवर्स को उनके कम्पैनियन को और अच्छे से केयर देने, उनके सेफ्टी और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के मकसद से किया गया है। उन्होंने देशी ब्रीड्स के अडॉप्टेशन और उनके कल्याण पर विशेष ध्यान देने की बात कही। कार्यक्रम कुल सात सेशंस में पेट केयर पर बिहार पशुचिकत्सा महाविद्यालय के डॉक्टर्स ने विस्तार से प्रस्तुति दी।

ब्रीड के चयन पर ध्यान दें
डॉ। रमेश तिवारी ने अलग-अलग ब्रीड्स के सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताया और कहा की डॉग रखने से पहले उनके ब्रीड्स की चयन और पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। साथ ही उस ब्रीड्स की पूरी जानकारी रखें, उन्होंने डॉग्स की खरीदारी अच्छे केंनल और ब्रीडर से करने पर जोर दिया।

चाकलेट, मिठाई न दे
डॉ। ज्ञानदेव सिंह ने ओरल हाइजीन पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा की स्वान का ओरली फिट होना बहुत जरुरी है, अगर उन्हें मुंह और दांत की बीमारी से दूर रखते है तो घर का वातावरण भी स्वच्छ रहेगा। उन्होंने पेट्स को चॉकलेट, मिठाई और दांतों में चिपकने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करने की सलाह दी। डॉ। संजय कुमार ने कमर्शियल फूड और घर के खाने पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि भोजन कब और कितने मात्रा में देना है इसका ध्यान रखना जरुरी है, उन्होंने आगे बताया की पेट्स के भोजन में मिनरल्स का होना बहुत जरुरी है।

ठंड से बचाये
डॉ। पल्लव शेखर ने पर्वो वायरस, कैनाइन डिस्टेंपर और केनल कफ़ जैसे आम और जानलेवा बीमारियों के बारे में बताया उन्होंने कहा की बहुत लोगों की यह धरना बनी हुई है की पर्वो वायरस से मनुष्यों को भी खतरा है। मगर ऐसा नहीं है, साथ ही पेट्स को पर्वों वायरस अटैक होने पर घर को ब्लीचिंग पाउडर के घोल से डिसइंफेक्ट कर सकते है। उन्होंने बताया की समय पर वैक्सीनशन से हम अपने पेट्स को सभी बीमारियों से दूर रख सकते है। साथ ही सर्दी के मौसम में अपने पेट्स को अधिक सुबह की सैर और ठण्ड से बचाये।