आप पहली बार पटना आ रही हैं, कितना अलग लगा कोलकाता से?

अभी तो ज्यादा देखा नहीं, पर जितना भी देखा उससे ऐसा लगा कि इट्स वेरी क्लीन एंड ऑर्गनाइज सिटी। बहुत कुछ सुना है, पढ़ा है इस शहर के बारे में। बहुत कुछ हमारे शहर के कल्चर से भी मेल खाता है, नाइस सिटी।

आप एक आर्टिस्ट हैं मगर जीवनसाथी चुना एक क्रिकेटर को, इस पसंद की खास वजह?

जब मैंने सौरव को और सौरव ने मुझे पसंद किया था, तब मैं ना तो ओडिसी डांसर थी और ना ही वह क्रिकेटर था। वो मेरा पड़ोसी था और हम एक-दूसरे को तब से जानते हैं, जब मैं क्लास फाइव में थी। बस समय के साथ दोस्ती बढ़ती गई एंड नाऊ वी आर हसबेंड एंड वाइफ।

दोनों के फिल्ड बिल्कुल अलग हैं, कैसे मैनेज करती हैं?

दोनों के काम में समर्पण और टाइम की बेहद जरूरत है। हम दोनों अपने-अपने काम पर ध्यान देते हैं, लेकिन वक्त आने पर एक-दूसरे के काम में सहयोग भी करते हैं। वो मेरे डांस को एनकरेज करते हैं और मैं उनके क्रिकेट को। हां, ये बात अलग है कि मैं क्रिकेट पसंद नहीं करती फिर भी सौरव को देखने के लिए क्रिकेट देखती हूं।

बांग्ला कल्चर से जुड़े होने के बावजूद ओडिसी को ही क्यों चुना?

आई लाइक इंडियन डांस। वैसे भी उड़ीसा हमारा नेबर है और नेबर की चीजों को तो सीखा ही जा सकता है। वैसे हमारा बंगाली कल्चर भी बहुत रिच है, लेकिन मैंने बचपन से ही गुरुदेव किल्चन महापात्रा से ओडिसी की ट्रेनिंग ली और बस इसी तरह जुड़ते चली गई। बाद के दिनों में लगाव इतना बढ़ा कि खुद का डांसिंग स्कूल दीक्षा मंजरी खोला, जिसका इनॉगरेशन लता मंगेशकर जी ने किया था।

क्रिकेट की दुनिया में अब चीयर गल्र्स ने एंट्री ले ली है, इसे कैसे देखती हैं आप?

आप उसे डांस नहीं कह सकते। कम से कम मैं उसे डांस के रूप में नहीं देखती हूं। इट्स जस्ट फॉर इंज्वायमेंट। जिस तरह हमारा इंडियन डांस गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर से जुड़ा है, कालिदास की शकुंतला और मेघदूत जैसे सारे गं्रथ और सारी बातें इसमें आ जाती हैं, उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। पर, चीयर गल्र्स के डांस में इट्स ओनली अबाउट शेकिंग वंस बॉडी। ओके दैट इज डांस बट उसमें ना तो रियाज है और ना ही भाव।

आज कंटेंपररी डांस क्लासिकल डांस पर हावी होता जा रहा है, इस पर क्या कहेंगी?

अगर आपने कंटेंपररी डांस ध्यान से देखा होगा तो आप जानती होंगी कि उस डांस में कई ऐसे स्टेप हैं जो क्लासिकल के ही हैं। जहां तक लोगों को पसंद आने की बात है तो जो चीजें सहज होती हैं और अंडरस्टैंडेबल होती हैं, उसे लोग ज्यादा पसंद करते हैंं। कंटेंपररी डांस के साथ यही बात है। लेकिन ऐसा कहना कि क्लासिकल पर कंटेंपररी हावी हो रहा है, वह गलत है।

In conversation with Vijaya Singh