- तीन बदमाशों ने दवा व्यवसायी अनिल कुमार अग्रवाल की हत्या की, पुलिस कर रही है पड़ताल

- घटना को लेकर सवालों में उलझी पुलिस, गुत्थी सुलझाने का हो रहा प्रयास

PATNA : अनिल कुमार अग्रवाल (ब्ख्) तीन भाईयों में सबसे बड़े और इकलौते बेटे हर्ष अग्रवाल (क्फ्) के पिता थे। दूसरे नम्बर के भाई मनीष और छोटे भाई अमित के पूरे परिवार के साथ वह अबू साव लेन पर स्थित शम्भू अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर क्0क् में रहते थे। वह इस परिवार की रीढ़ थे। छोटे भाई अमित के नाम से ही वह कारोबार करते थे। अमित जेनरिक और न्यू अमित जेनरिक नाम से उनकी दो दुकाने जीएम रोड से सटे सरदार बोस लेन पर हैं। दोनों दुकानें अगल-बगल ही हैं। उनका प्रतिदिन का एक नियम था। वह सुबह घर से दुकान के लिए निकल जाते थे। दुकान पर उनके दोनों भाई और पिता भी आते थे, लेकिन वह कर्मचारियों के साथ लगभग क्क् बजे आते थे। रोज की तरह सोमवार को भी वह अपने तय समय पर ही दुकान पहुंच गए थे।

पहले से तय था शूटरों का प्लान

पुलिस ही नहीं आस पास के लोगों को भी आशंका है कि शूटरों ने पहले से ही घटना का प्लान तैयार कर लिया था। बदमाशों ने घटना के लिए ऐसा समय चुना था जब अगल बगल की दुकानें पूरी तरह से नहीं खुली थीं और अनिल दुकान में अकेले थे। आशंका जताई जा रही है बदमाशों ने पहले उनकी दिनचर्या के बारे में जानकारी जुटाई होगी और फिर घटना को अंजाम दे दिया होगा। इस घटना के पीछे प्लानिंग नहीं होती तो हो सकता था कि बदमाश अपनी मंशा में कामयाब नहीं होते। क्योंकि जिस इलाके में घटना हुई वहां बेहद पॉश इलाका है।

सीसी टीवी में कैद हुए हमलावर

घटना को अंजाम देने वालों की उम्र क्8 से ख्0 साल के अंदर रही होगी। तीनों बदमाश दुकान के सामने स्थित सवेरा ग‌र्ल्स हास्टल की सीसी टीवी में कैद हो गए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो अधिकारियों ने मौके पर पहुंचते ही पहले ग‌र्ल्स कॉलेज का सीसी टीवी फुटेज खंगाला है और उसकी हार्ड डिस्क ली है। सूत्रों का कहना है कि तीनों संदिग्ध बदमाशों को उसमें फुटेज में देखा गया है। अब पुलिस इसी के सहारे बदमाशों की तलाश कर रही है।

मौत से पहले दिखाई हिम्मत

अनिल अग्रवाल ने बदमाशों से लड़ने के लिए काफी हिम्मत दिखाई है। घटना स्थल को देखकर यही लगता है। दुकान में रखी सिल्वर की पाइप टूटी हुई थी इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बदमाशों से वह बचने के लिए हाथ-पैर मारे हैं लेकिन निहत्थे अनिल पर बदमाशों का असलहा भारी पड़ा है। वह गोली लगने के बाद भी दुकान के बाहर जान बचाने के लिए भागे लेकिन बदमाशों ने ताबड़तोड़ तीन और गोलियां मार दी।

अनिल की मौत से टूट गया परिवार

अनिल की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। हर किसी का कहना है कि वह पूरे परिवार की कंट्रोलिंग करने वाले थे। दुकान से ही वह घर से लेकर हर तरफ मैनेज किए रहते थे। बेटा हर्ष कंकडबाग में पढ़ाई करता है। घटना की सूचना सुबह साढ़े नौ बजे जैसे ही मोहल्ले वालों ने परिवार को दी हर कोई सन्न रह गया। परिजनों पर पहाड़ सा गम टूट पड़ा। जो जैसे था वह चीखते चिल्लाते भागकर पीएम सीएच पहुंचा।

लूट नहीं घटना के पीछे कोई और है कारण

घटना के पीछे लूट का मामला नहीं जान पड़ रहा है, क्योकि घटना के अनिल के कैश बाक्स में एक से डेढ़ लाख रुपए थे। बैंक बंद होने से कैश जमा नहीं हो पाया था। बदमाशों ने कैश लूटने की कोई कोशिश ही नहीं की है। वह तो एक लक्ष्य लेकर ही आए थे और टॉरगेट पर उन्हें लिया फिर शूट कर चलते बने। आस पास के कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अभी हाल ही में सड़क में ठेला लगाकर अतिक्रमण करने से उनका कुछ लोगों से विवाद हो गया था और इस मामले में पुलिस ने एक युवक को जेल भी भेज दिया था। इस घटना के प्रतिशोध की भी आशंका है।

भाई ने पुलिस को दिया कुछ अहम क्लू

अनिल अग्रवाल के भाई मनीष ने पुलिस को इस घटना में कई अहम क्लू दिया है जिसका खुलासे में अहम रोल हो सकता है। पुलिस सूत्रों की माने तो भाई ने कुछ लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं जिनका इस घटना से ताल्लुक हो सकता है। हालांकि पुलिस ने भाई से बात करने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है इससे आशंका है कि मामला किसी अदावत का है जो पुलिस अभी गोपनीय रख रही है।