पटना (ब्यूरो)। सेशन शुरू होने से पहले इन इलाकों में या कॉलेज कैम्पस के आसपास एक्टिव है। वैसे तो कॉलेज कैम्पस के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के नशे की दुकान प्रतिबंधित है। लेकिन कॉलेज में छुट्टी होने के साथ ही चोरी-चुपके नशे की दुकान सजने लगती है। कई छोटे-मोटे गुमटियां जो कहने के लिए तो छोटे-मोटे स्नैक्स की बिक्री तक केवल अपने-आपको सीमित दिखाते हैं। लेकिन इन्हीं दुकानों में सिगरेट से लेकर गुटखा तक खुलेआम बिकते दिखता है। वहीं चोरी-चुपके यहां गांजा से लेकर स्मैक तक उपलब्ध हो जाता है। इसके लिए नशा नेटवर्क का सेक्रेड कोड बताना पड़ता है।

नशा गिरोह के खिलाफ सौंपा था आवेदन
नशा गिरोह की कॉलेज कैम्पस के पास सक्रियता को लेकर लगातार शिकायतें की जाती रही है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने बताया कि बीएन कॉलेज के आसपास अशोक राजपथ पर ऐसी बहुत सारी दुकानें हैं जो स्नैक्स के नाम पर नशे का सामान स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराते हैं। लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करती है। इस मामले को लेकर कॉलेज एडमिन से भी शिकायतें की है। लेकिन पूरे मामले पर कॉलेज एडमिन हाथ खड़ा कर लिया है। क्योंकि नशा गिरोह का बड़ा नेटवर्क है। उनका खौफ इस कदर है कि छात्र से लेकर कॉलेज एडमिन तक उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलते हैं। कॉलेज एडमिन की ओर से इस मामले में जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाता है। क्योंकि उनके पास कोई तंत्र नहीं है कि वे इन तत्वों पर सीधे तौर पर लगाम लगा सकें।
बीएन कॉलेज के आसपास नशे की बेरोकटोक बिक्री
पटना का बीएन कॉलेज एक प्रतिष्ठित कॉलेज रहा है। यहां कैम्पस के बाहर निकलते ही अशोक राजपथ पर दर्जनों छोटी-छोटी दुकानें दिख जाएंगी। जहां सिगरेट, तम्बाकू और गुटखा की बिक्री जारी है। लेकिन यहां कोई रोकने वाला नहीं है।
कॉलेज ऑफ कामर्स और एएन कॉलेज के बाहर भी बिक रहा सामन
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले कॉलेज ऑफ कॉमर्स के बाहर राजेंद्र नगर पथ पर आपको दर्जनों गुमटिया दिख जायेगी। जहां नशा की बिक्री पर कोई रोक नहीं है। कॉलेज प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक इसपर संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझता है। यहां पढऩे वाले स्टूडेंट अक्सर इन गुमटियों पर नशा ग्रुप के हरकतों से परेशान भी होते रहते हैं। इन गुमटियों से नशे का सामान धड़ल्ले से कॉलेज कैम्पस के अंदर भी जाता है। लेकिन कोई नोटिस नहीं लेने वाला है। इसके अलावे एएन कॉलेज के पास भी ऐसी दुकानें और प्रतिष्ठानों की कमी नहीं है जो नशेे का सामान बेचते हैं। सामान्य तौर पर बहुत सारे लोगों को यह पता भी नहीं होता है कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में नशे का सामान बेचना प्रतिबंधित है।
स्टूडेंट का वर्जन
बीएन कॉलेज के पास ऐसे नशा ग्रुप के एक्टिव होने के बारे में किसी को कोई संदेह नहीं है। लेकिन सवाल है कि इन पर कार्रवाई कौन करेगा। जिला प्रशासन को ही इस मामले में कार्रवाई करनी होगी। कॉलेज एडमिन केवल कैम्पस तक की एक्टिविटी तक सीमित है.
-सौरभ कुमार गौतम, स्टूडेंट, बीएन कॉलेज
कॉलेज कैम्पस के पास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। जो नशे में धुत होते हैं। क्योंकि इन जगहों पर नशे का सामान आसानी से मिल जाता है। इसके चलते छात्राओं को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कृतिका संगीता, स्टूडेंट, कॉलेज ऑफ कॉमर्स
बाहर में राजेंद्र नगर पथ पर नशा का सामान असानी से उपलब्ध होता है। इससे न केवल बाहरी लड़के प्रभावित हो रहे हैं बल्कि कॉलेज के छात्र और छात्राओं पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। जिसे रोका जाना चाहिए।
पूजा कुमारी, स्टूडेंट, कॉलेज ऑफ कॉमर्स
कॉलेज एडमिन का वर्जन
यह सच्चाई है कि नशे का सामान कॉलेज कैम्पस के बाहर बेची जाती है। लेकिन इस मामले में कॉलेज एडमिन अपने स्तर से कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं है। यह मामला पूरी तरह से जिला प्रशासन का है। वे जब तक नहीं चाहेगा तब तक कॉलेज कैम्पस के 100 मीटर की परिधि में इसे रोक पाना मुश्किल है.
राज किशोर, प्रिंसिपल, बीएन कॉलेज पटना
पुलिस का वर्जन
पटना पुलिस नशा गैंग के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। हाल फिलहाल नशे के सामान के साथ लड़के पकड़े जाते रहे हैं। अगर कॉलेज कैम्पस के पास से इस तरह की शिकायत आती है तब पुलिस वहां कार्रवाई करेगी।
वैभव शर्मा, सेंट्रल एसपी पटना