- अफवाह फैलाने वालों पर रहेगी नजर

- शांति समिति की बैठक का हुआ आयोजन

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क्कन्ञ्जहृन् :

कोविड-19 के संक्रमण को लेकर दुर्गा पूजा सिर्फ मंदिर में या निजी रूप से घर से की जा सकती है। इस अवसर पर पंडाल, तोरण द्वार, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, मेला, खाद्य पदार्थ का स्टॉल ,भोज, प्रसाद, सार्वजनिक समारोह पर रोक लगाई गई है। इस संबंध में केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार निर्देश जारी किए हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्र (दुर्गा पूजन समारोह) 17 अक्टूबर से प्रारंभ होगी तथा 25 अक्टूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा।

दुर्गा पूजा त्यौहार का सफल एवं शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने तथा विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीएम कुमार रवि एवं एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया है।

अफवाह फैलाने वालों पर रहेगी नजर

सड़कों पर वि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए डीएम, एसएसपी द्वारा पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। अफवाह फैलाने वाले, सामाजिक विद्वेष पैदा करने वालेअसामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाएगी तथा दोषी को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

डीएम ने सभी संबंधित प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने निर्धारित स्थान पर ससमय उपस्थित रहने तथा विधि व्यवस्था संधारण में अपेक्षित सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया है। दुर्गा पूजा को ध्यान में रखकर जिला स्तर पर, अनुमंडल स्तर पर थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक करने तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर पर्व का शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यद्यपि शांति समिति की बैठक के संचालन का कार्य जारी है।

शक्तिपीठों व मंदिरों में आज होगी कलश स्थापना

शारदीय नवरात्र का शुभारंभ शनिवार को कलश स्थापना के साथ ही हो जाएगा। पहले दिन भक्त देवी शैलपुत्री की पूजा करेंगे। इसे लेकर पटना सिटी अन्तर्गत शक्तिपीठ बड़ी पटना देवी और छोटी पटनदेवी तथा अन्य शिवालयों में कलश स्थापना की तैयारी होती रही। बड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरी ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में भगवती की उपासना व कलश स्थापना का अनुष्ठान होगा।पंच गव्य व पंच जल से भगवती का स्नान व श्रृंगार होने के बाद पट भक्तों के दर्शन व पूजन के लिए खुल जाएगा। वहीं, छोटी पटनदेवी के महंत अभिषेक अनंत द्विवेदी, विवेक द्विवेदी गड़हा पटनदेवी मंदिर, अगमकुआं शीतला माता मदिर के पंकज पुजारी, अमरनाथ बबलू, सुनील कुमार व जयप्रकाश पुजारी ने बताया कि वैदिक रीति रिवाज से कलश स्थापित किया जाएगा। दूसरी ओर, सर्व मंगला देवी मंदिर गुलजारबाग, काली मंदिर खाजेकलां व मंगल तालाब, पीताम्बरा मंदिर, काले हनुमान मंदिर व अन्य देवी मंदिरों में भी कलश स्थापना की तैयारी की गई। श्री बड़ी देवी जी मारूफगंज में बांग्ला पद्धति से पूजा की तैयारी की गयी। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकारी दिशा-निर्देश का पालन करते हुए इस बार भगवती की प्रतिमा स्थापित नहीं की जाएगी। भक्त अपने-अपने घरों में ही पूजा करेंगे।