-99 वर्ष में ली अंतिम सांस, कुछ दिनों से चल रहे थे बीमार, महात्मा गांधी, बिनोवा भावे व जेपी के साथ भी किया था काम

GAYA: बोधगया स्थित समन्वय आश्रम के संचालक और जमना लाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित द्वारिको सुंदरानी का 99 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर बोधगया के समन्वय आश्रम परिसर स्थित हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उनके निधन से बोधगया के लोग मर्माहत और दुखी हैं।

पाकिस्तान में हुआ था जन्म

सुंदरानी उन गिने-चुने समाजसेवियों में से थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के सानिध्य में अपने जीवन को आकार देना शुरू किया था। उन्हें 1992 में जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया और वे आचार्य विनोबा भावे और लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) के साथ भी काम कर चुके हैं। पाकिस्तान के कराची और सिंध प्रांत के बीच लरकाना के मानजन गांव में छह जून, 1922 को सुंदरानी का जन्म हुआ था।

मुसहर समाज के लिए समर्पित

बताया गया कि सुंदरानी बोधगया महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव पद पर लंबे समय तक रहे थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन मुसहर समाज के बच्चों के उत्थान में लगा दिया। मुसहर समाज के बच्चों के लिए आश्रम परिसर में आवासीय विद्यालय चलाते थे, जहां वे प्रथम पोथी से बच्चों को शिक्षित करते थे। बोधगया के समीप में उन्होंने बगहा में मिनी आश्रम बनाया, जिसने मुसहर समाज के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया। उनके निधन पर सीएम नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि प्रकट की है।

आज अंतिम संस्कार

सुंदरानी पिछले साढ़े तीन दशक से गुजरात के भंसाली ट्रस्ट के साथ मिलकर बोधगया में निशुल्क नेत्रदान शिविर संचालन में भी सहयोग दे रहे थे। आश्रम में उन्होंने नेत्र ज्योति अस्पताल के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी। बोधगया के विधायक कुमार सर्वजीत ने बताया कि गुरुवार को आश्रम परिसर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।