- नाबालिगों के हाथ में हवा हवाई की डोर

- अधिकांश के पास नहीं हैं ड्राइविंग लाइसेंस

- बीच सड़क गाड़ी रोक बैठाते हैं सवारी

PATNA :

राजधानी पटना के ट्रैफिक सिस्टम की हवा शहर में बेलगाम होकर चल रही हवा हवाई यानी ई-रिक्शा गाड़ी ने निकाल रखी है। कई इलाकों में बीच सड़क गाड़ी खड़ी कर सवारी उतारने और बैठाने से इनके कारण जाम की समस्या भी खड़ी हो जाती है। इन्हें अगर ठीक से चलने की कोई नसीहत भी देता है तो उल्टा उससे झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। यूं कहा जाए कि इनके आगे ट्रैफिक पुलिस भी सरेंडर है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

अनट्रेंड हैं चालक

हवा हवाई के अधिकांश चालक अनट्रेंड हैं। उन्हें यातायात के नियमों का भी ठीक से ज्ञान नहीं है। कहां पर गाड़ी खड़ी करनी है और कहां पर नहीं यह इनके लिए मायने नहीं रखता है। ये मनमाने तरीके से कहीं पर भी रुक जाते हैं। इनके कारण कई बार वाहन आपस में टकरा भी जाते हैं। इनकी मनमानी के आगे आम जनता त्रस्त है। हवा हवाई के संचालन से किसी भी स्तर पर नहीं लगता है कि उन्हें टै्रफिक सेंस है। पुलिस भी इनके खिलाफ कार्रवाई करने में काफी लापरवाह साबित दिखती है।

अधिकांश के पास लाइसेंस नहीं

ट्रैफिक पुलिस की मानें तो अधिकांश हवा हवाई चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं हैं। राजधानी में दौड़ रहे हवा हवाई पर नजर डाली जाए तो करीब 60 प्रतिशत से अधिक पर नाबालिग चालक ही नजर आते हैं जिन्हें ट्रैफिक सेंस बिल्कुल भी नहीं है। इन्हीं लोगों के कारण कई बार हादसे घटित होते हैं।

बीच रोड पर मनमानी

हवा हवाई चालकों को पुलिस का बिल्कुल भी डर नहीं हैं। बीच रोड पर खडे़ होकर सवारी भरते हैं और सवारियों का इंतजार भी करते हैं। जो कि जाम का कारण भी बनते हैं।

वर्जन

हवा हवाई के कारण शहर की यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। हवा हवाई के चालकों में बिल्कुल भी टै्रफिक सेंस नहीं हैं। इनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

अभिषेक कुमार

ये लोग कहीं पर भी खड़े होकर सवारी भरने लगते हैं। जिसके कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। इनके विरुद्ध टै्रफिक पुलिस को अभियान चलाकर कार्रवाई करनी चाहिए।

अवनीश कुमार

पुलिस प्रशासन की लापरवाही का ही ये नतीजा है। इनके विरुद्ध सख्ती से निपटना चाहिए। ताकि शहर में जाम न लग सके। इनकी मनमानी पर अंकुश लगना चाहिए।

अंकित कुमार

पुलिस लगातार इनके विरुद्ध काम करती है। लाइसेंस न होने की स्थिति में इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाती है। पुलिस के स्तर पर कोई कमी नहीं छोड़ी जाती है।

डी अमरकेश, एसपी ट्रैफिक

एक नजर में

- 12000 रजिस्टर्ड ई-रिक्शा हैं पटना में

- 60 प्रतिशत चालकों के पास नहीं है लाइसेंस