इस खुशी के पल का इंतजार था

तीस दिनों के रमजान के बाद सबको इस खुशी के पल का इंतजार था। खुदा को नमाज अदा करने वालों की लंबी भीड़ लगी थी। हालांकि इसी बीच, थोड़ी-थोड़ी बारिश भी होने लगी, पर नमाजी डिगे नहीं। 30 दिनों की इबादत का मेहनताना लेने का वक्त है।

यहां से वहां तक खुदा के बंदे

गांधी मैदान, जामा मस्जिद पटना जंक्शन, इमारते शरिया, गुलजारबाग शाही ईदगाह में सज्जादानशी मिसबाहउल हक एमादी, खानकाहे मुनएमिया में सैयद शाह शमीम अहमद मुनएमी, उर्दू मैदान मंगल तालाब, खानकाहे एमादिया, वारगाहे इश्क तकियाशरीफ, शाही जामा मस्जिद मदरसा गली, दरियापुर मस्जिद, दरियापुर मस्जिद, मुरादपुर मस्जिद, छोटी खानकाह, शिया समाज के बावली मस्जिद में सैयद मुजफ्फर रजा, कबूतरी मस्जिद काठ का पुल, गुलजारबाग बक्फ इस्टेट, पत्थर की मस्जिद, गोलकपुर महेंद्रू मस्जिद, मो। जान की मस्जिद, खाजेकलां मस्जिद, मस्जिद टमटम पड़ाव में ईद की नमाज अदा की गई।

घर में दी गई दावत

ईद की नमाज अदा करने के बाद नमाजी घर पहुंचे। रास्ते में जो भी पहचान वाला मिला, गले मिल मुबारकबाद दिया। इसके बाद सभी एक-दूसरे के घर जाकर ईद की बधाइयां दीं और सेवई, हलवा, दहीबड़ा व नमकीन पकवान का जायका लिया। यह सिलसिला हर मुस्लिम घर में देखा गया। महिलाओं ने भी इसका पूरा लुत्फ लिया और अपने रिलेटिव्स व फ्रेंड को बुलाकर ईद को इंज्वॉय किया। सुमैया फिरोग, इब्राहिम, अंदलिब कित्स, जारा आरी, परवेज बहमद, फजल जैसे हजारों यूथ ने इस फेस्टिवल को इंज्वॉय किया। इस बार मुस्लिमों के लिए ईद स्पेशल था, क्योंकि जुम्मा के दिन पड़ा था।