- सब्जी और अन्य सामान बेचने वालों से भरा रहता है कोच

- दिव्यांग पैसेंजर्स को होती है परेशानी

PATNA

: ट्रेन में सफर के दौरान दिव्यांगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटना जंक्शन से खुलने वाली ट्रेनों में दिव्यांग के लिए रिजर्व कोच में सब्जी सहित अन्य सामानों के कारोबारी बड़ी-बड़ी टोकरी रख देते हैं। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को कई दिनों से इसकी सूचना मिल रही थी। जब इसकी पड़ताल की तो पटना से खुलने वाली कटिहार इंटरसिटी में दिव्यांग के कोच की हालत काफी खराब थी। गेट से लेकर अंदर तक सब्जी बेचने वाले अपना सामान रखे हुए थे।

कोई देखने वाला नहीं

दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में बैठे पैसेंजर्स से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पटना से ही सब्जी और फेरी वालों का कब्जा हो जाता है। इन लोगों की वजह से काफी परेशानी होती है। आने-जाने के लिए जगह नहीं मिलती है। हमलोगों की परेशानी को देखने वाला कोई नहीं है।

देते हैं धमकी

मानसी जाने वाले एक दिव्यांग राजन कुमार ने बताया कि सब्जी वाले लोकल होते हैं। हमलोगों को दूर जाना होता है। कुछ कहने पर चुपचाप बैठे रहने की धमकी देते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार तो ये अपनी टोकरी सीट के पास रख देते हैं। जिससे बैठने में भी दिक्कत होती है। बातचीत के दौरान फोटो लेने की बात की गई तो उसने साफ मना कर दिया। उनका कहना था कि आप तो चले जाएंगे। रास्ते ये तंग करेंगे।

हर दिन की यही कहानी

पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर एक स्टॉल के कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह एक दिन की बात नहीं है। हर दिन सब्जी वाले इसी कोच में अपनी टोकरी रख बैठते हैं। रास्ते में कहीं मारपीट न करने लगें इस वजह से लोग चुप रहते हैं। स्टॉल के कर्मचारी ने बताया कि बाहर से तो सब ठीक लगता है लेकिन ट्रेन के अंदर स्थिति काफी खराब रहती है। पैसेंजर्स को क्या परेशानी होती है। इसकी खोज खबर लेने कोई नहीं आता है।

टॉयलेट भी बंद

रेलवे की ओर से दिव्यांगों को सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जाता है। लेकिन यह दावा पटना जंक्शन पर फेल हो गया है। जब पटना जंक्शन की पड़ताल की गई तो खुलासा हुआ कि दिव्यांगों की परेशानी केवल ट्रेन में ही नहीं है। प्लेटफॉर्म पर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्लेटफॉर्म नंबर 4-5 पर पश्चिमी साइड में दिव्यांगों के लिए टॉयलेट बना हुआ है। लेकिन बंद है। टॉयलेट के दरवाजे की कुंडी को तार से बंद किया गया है। उस पर कोई नोटिस भी नहीं लगाया गया है कि टॉयलेट खराब है।

वर्जन

दिव्यांग कोच में कारोबारियों का सफर करना गलत है। पकड़े जाने पर उन्हें सजा भी मिल सकती है।

- डॉ। निलेश कुमार, डायरेक्टर, पटना जंक्शन

क्या बोले पैसेंजर्स

दिव्यांगों की सुविधा के लिए एक कोच रिजर्व किया गया है। लेकिन दिव्यांग कोच को जनरल कोच बना दिया गया है।

- सुमन सिंह, खगडि़या

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रेल प्रशासन को दिव्यांग कोच के रख रखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है। कोच में सुरक्षा के लिए कोई नहीं रहता है।

- आनंद कुमार, मानसी

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दुकानदारों के डर कोई बोलता नहीं है। ये ग्रुप में रहते हैं। रास्ते में ये परेशानी न खड़ी कर दें, इस डर से चुप रहने में ही भलाई है।

- रमेश पासवान, खगडि़या