- अब तक 39 डॉक्टरों की मौत, मुआवजा केवल पांच को

- कड़े नियम-शर्तो को पूरा करने में बीत रहा समय

PATNA :

कोरोना की जंग में अपनी जिंदगी न्योछावर करने वाले डॉक्टर्स के परिजनों को सात माह बाद भी सरकार की ओर से घोषित मुआवजे की राशि मिलने का इंतजार है। अब तक बिहार में 39 डॉक्टर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है। आईएमए बिहार ने इसकी पुष्टि की है। जबकि मुआवजा या अनुग्रह राशि मात्र पांच डॉक्टर को ही मिला है। इसमें पीएमसीएच के इएनटी डिपार्टमेंट डॉक्टर रहे एनके सिंह, डॉ आरआर झा सिविल सर्जन, समस्तीपुर समेत अन्य शामिल हैं।

अनुग्रह राशि केवल सरकारी को

सरकार की ओर से डॉक्टर्स को मिलने वाली अनुग्रह राशि को लेकर सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह केवल सरकारी डॉक्टर को जो कि ड्यूटी पर रहे थे, उन्हें ही मिलना है। हालांकि सरकार की ओर से प्राइवेट डॉक्टर्स को भी कोविड-19 केयर के लिए अपनी सेवा देने को कहा गया था। इस सेवा में कुछ डॉक्टर्स की मौत हुई। आईएमए के वाइस प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार ने अनुग्रह राशि देने के मामले में प्राइवेट डॉक्टरों को अलग रखने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि कोरोना केयर में सभी जुटे हुए थे, लेकिन मुआवजा केवल सरकारी को दिया जा रहा है जो उचित मानदंड नहीं है।

रोस्टर को लेकर कठिनाई

भासा के जनरल सेक्रेटरी डॉ रणजीत कुमार ने बताया कि अनुग्रह राशि के लिए डॉक्टरों के परिजनों को कई स्तरों पर डॉक्यूमेंट संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें ऐसे डॉक्टर जिनका अटेंडेंस नहीं है लेकिन उनकी ड्यूटी ऑन कॉल है, उन्हें इसके लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इसमें एमओआईसी और डीएस का पद शामिल है। इनका कोई रोस्टर नहीं होता है। इसके लिए संबंधित सिविल सर्जन को सूचित किया गया है।

कर रहे जद्दोजहद

पटना जिला में भी तीन डॉक्टर्स की मौत हुई है, लेकिन अनुग्रह राशि को लेकर अभी तक मामला अटका पड़ा है। बिहार में डॉक्टर्स के संघ भासा से मिली जानकारी के अनुसार यहां डॉ परमानंद कुंवर के परिजन इस संबंध में डॉक्यूमेंट जुटा रहे हैं। पटना में इनके अलावा डॉ के राजन का डॉक्यूमेंट का काम अभी जारी है। जबकि एक अन्य डॉक्टर डॉ एनके सिंह है, उन्हें अनुग्रह राशि मिली है।

50 लाख का प्रावधान

भासा के जनरल सेक्रेटरी डॉ रणजीत कुमार ने बताया कि आम लोगों के लिए राज्य सरकार की ओर से चार लाख रुपए मुआवजा का प्रावधान है। जबकि डॉक्टरों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से 50 लाख रुपए देने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्कर की डेथ के मामले में डॉक्यूमेंट संबंधी समस्याओं को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के ईडी को सूचित किया गया है और 16 मामलों पर चर्चा भी हुई है।

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बाक्स में

अब तक की स्थिति

बिहार में कोरोना से मरे डॉक्टर्स - 39

अनुग्रह राशि मिली - 05

पटना में कोरोना से मरे डॉक्टर्स - 03

अनुग्रह राशि मिली - 01 को

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इन्हें नहीं मिलेगा मुआवजा - प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टर्स एवं हेल्थ वर्कर

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रूल के अनुसार यह अनिवार्य है

- अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले डॉक्टर सरकारी सेवा में हो या पुन: कांट्रेक्ट पर कार्य कर रहे हों।

- रोस्टर में वो ड्यूटी पर मौजूद रहे हों।

- चाहे जितने वर्ष भी सरकारी सेवा में हो, उन्हें सभी डॉक्यूमेंट के साथ क्लेम करना होगा।

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