PATNA: बिहटा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के रनवे विस्तार पर ग्रामीणों की नाराजगी भारी पड़ सकती है। वह सरकार को जमीन देने से इनकार कर रहे हैं। गुरुवार को रणनीति बनाकर आरोप लगाया है कि मुआवजा देने के नाम पर उनके साथ बड़ा खेल किया जा रहा है। गांव वालों के इस निर्णय से बिहटा को मॉडल एयरपोर्ट बनाने की योजना पर फिलहाल ग्रहण लग गया है। हालांकि अफसरों का कहना है कि इससे प्लान में थोड़ा लेट होगा लेकिन उम्मीद है कि बात बन जाएगी और फिर काम शुरू कर दिया जाएगा।

सरकार का बिहटा में बड़ा प्लान

सरकार बिहटा में एयरपोर्ट विस्तार को लेकर बड़ा प्लान बना चुकी है। बिहटा वायु सेना केंद्र को विकसित कर अन्तरराष्ट्रीय सिविल हवाई अड्डा बनाने के क्रम में रनवे बिस्तार की योजना है। तैयारी शुरू हो गई है। बोईंग 7फ्7 और एयरबस फ्ख्0 से बड़े विमानों को उतारने के लिए रनवे की लंबाई 8ख्00 फीट से क्ख्000 फीट करना है। यहां से नेपाल और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए उड़ान भरने का प्लान है। एयरपोर्ट के पूरब में सरकार को क्भ्म् एकड़ जमीन चाहिए, लेकिन मुआवजे की राशि को लेकर समस्या है। भू-स्वामी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो वर्तमान रनवे के सामने पूरब सरफुद्दीनपुर की ओर और पश्चिम कोरहर गांव की जमीन लेने की बात चल रही है। ट्विन हवाई अड्डा के रूप में विस्तार के लिए पूरब की ओर ब्87 रैयतों के क्ख्भ्.99 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।

कृषि दर पर नहीं देंगे जमीन

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वह कृषि दर पर भूमि नहीं देंगे। वह आवासीय दर की मांग कर रहे हैं क्योंकि एरिया विकसित हो गया है और इसके बाद भी दर काफी कम दिया जा रहा है। कोरहर और सरफुद्दीनपुर के लोगों का कहना है कि यंहा वायु सेना केंद्र के लिए उनकी अधिकांश जमीन दो बार पहले ही ली जा चुकी है। यह क्षेत्र पहले से ही विकसित और आवासीय है। इसके आसपास कई नए सिटी बस रहे हैं। जो कुछ जमीन गांव से सटे हैं, वे लोग उसपर खेती कर खाने का जुगाड़ करते हैं। नगर पंचायत में यह कई वर्ष पहले आ चुका है लेकिन मामला कोर्ट में है।

हम विकास विरोधी नहीं हैं और पूरा सहयोग कर रहे हैं लेकिन सरकार को हम लोगों का ख्याल रखना चाहिए। अगर आवासीय एरिया है तो इसका मुआवजा कृषि वाला नहीं देना चाहिए।

किशोर सिंह चौहान

सरकार को मुआवजे को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम लोग अगर विकास के लिए जमीन दे रहे हैं तो इसका लाभ हमें तो मिलना चाहिए। हम लोगों ने निर्णय लिया है कि कम मुआवजे पर जमीन नहीं देंगे।

मनीष सिंह, पब्लिक

जबतक सरकार आवासीय भूमि के हिसाब से मुआवजा नहीं देगी तबतक कोई विचार नहीं करेंगे। आसपास सिटी डेवलप हो रही है तो दाम कृषि वाला क्यों दे रहे हैं। सरकार विचार करे हम जमीन दे देंगे।

संतोष, लोकल पब्लिक