- आईजीआईएमएस में है केवल एक वालिएंटरी आई डोनेशन

- कॉनिया रीट्राइवल प्रोग्राम से अब तक 22 केसेज हुए हैं ऑपरेट

- ऑर्गन डोनेशन पर स्टेट में अवेयरनेस का है अभाव

PATNA : स्टेट का पहला रीजनल आई बैंक आईजीआईएमएस में खोला गया, लेकिन अब तक मात्र एक ही वालिएंटरी आई डोनेशन किया गया। यहां तमाम मॉर्डन फैसिलिटीज के साथ एम्स, नई दिल्ली के स्तर का कोर्निया ट्रांसप्लांट यूनिट है, लेकिन आई डोनेशन या कोर्निया डोनेशन को लेकर जागरूकता का अभाव है। यहां अब तक 24 कार्निया ट्रांसप्लांट किया गया है। इसमें 22 कोर्निया (एचआरसीपी) हॉस्पीटल कोर्निया रीट्राइवल प्रोग्राम के तहत प्राप्त किया गया।

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आखों में कार्निया वह भाग है जिससे हम किसी भी चिज को देख पाते हैं। इसका ही ट्रांसप्लांटेशन किया जाता है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी शर्ते हैं जिसे पूरा करना होता है। किसी व्यक्ति के मरने के छह घंटे के भीतर ही आई डोनेशन कारगर होता है। इस अवधि तक आई डेनेशन सेफ और यूजफुल होता है। आई डिपार्टमेंट हेड डॉ विभूति ने बताया कि आई बैंक के इनचार्ज डॉ नीलेश मोहन हैं। पटना में चौबीसों घंटे आई बैंक में डोनेशन किया जा सकता है। इसके लिए हेल्प लाइन नंबर 0म्क्ख्-ख्ख्97099 एक्सटेंशन ख्म्ब् पर कॉल किया जा सकता है। इसके अलावा डायरेक्ट नंबर 0म्क्ख्-ख्ख्9म्0क्9 पर कॉल कर आई बैंक से डायरेक्ट जुड़ सकते हैं।

मास इंफॉर्मेशन की है जरूरत

आई बैंक खुलने के बाद इस बात की उम्मीद थी कि इसे सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाया जाएगा और यूनिट को भी और एक्सटेंड किया जाएगा, लेकिन क्9 अक्टूबर, ख्0क्ब् से शुरू किए गए इस आई बैंक को शुरुआती तौर पर उत्साहव‌र्द्धक स्थिति नजर नहीं आ रही है। आइजीआईएमएस में आई डिपार्टमेंट के हेड डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा कि अभी भी मास इंफॉर्मेशन की जरूरत है। लोगों को बताना होगा कि आप आई डोनेशन करके अपने जाने के बाद भी आपकी आंखों से किसी की जिंदगी रौशन हो सकती है।

लक्ष्य पूरा होना कठिन

बीते साल क्9 अक्टूबर को रीजनल आई बैंक का शुभारंभ हुआ। एम्स, नई दिल्ली के तकनीकी सहयोग से स्थापित इस बैंक का साल भर में भ्0 आई बैंक डोनेशन का लक्ष्य था, लेकिन अब मात्र तीन महीने ही शेष हैं ऐसे में यह अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएगा कहना बड़ा मुश्किल है। आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि डोनेशन के प्रति लोगों को अवेयर करने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। कहीं भी कांॅफ्रेंस हों, मीटिंग हों वहां विभिन्न माध्यमों से आई डोनेशन का प्रचार किया जाता है।

म्7 लोगों को है जरूरत

एक्ट्रेस एश्वर्या राय सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने आई डोनेशन का प्लेज लिया है, लेकिन बिहार के लोग इस मामले में अब भी बहुत पीछे हैं। इसे लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां भी है। इसी समस्या को खत्म करने के मकसद से आईजीआईएमएस की ओर से एक लाख लोगों को आई डोनेशन का प्लेज दिलाया जाएगा। डॉ विभूति ने बताया कि इसमें स्कूल, कालेज, एजुकेशन इंस्टीट्यूशन और सोशल आर्गनाइजेशन शामिल हैं। आईजीआईएमएस में आई डिपार्टमेंट के हेड डॉ। विभूति का कहना है कि लोग जुड़ेंगे तो कार्निया ट्रांसप्लांट में देर तक इंतजार करने की नौबत नहीं आएगी। अभी यहां म्7 लोगों ने आई की जरूरत के लिए रजिस्टर किया है, हालांकि अभी तक किसी ने भी डोनेट नहीं किया है।

साल भर में एक लाख आई डोनेशन प्लेज के लिए कैंपेन चलाया जाएगा। इसमें स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन इंस्टीट्यूशन और सोशल आर्गनाइजेशन से जुड़े लोग शामिल होंगे।

- डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा, हेड आई डिपार्टमेंट आईजीआईएमएस