- सड़क हादसे में 15 परसेंट लोग स्थायी रूप से होते हैं विकलांग

- सड़क हादसे की मुख्य वजह बन रहा है मोबाइल पर बात करना

PATNA: इन दिनों सड़क हादसों की मुख्य वजहों में से एक युवा अपने आप पर सेल्फ कंट्रोल नहीं कर रहे हैं। वे अपनी लाइफ की अहमियत को नहीं समझ पा रहे हैं। वे ड्राइविंग के दौरान छोटी-छोटी बातों को इग्नोर कर अपने आप को अनसेफ फील कर रहे हैं। ये बातें गुरुवार को पद्मश्री डॉ आरएन सिंह ने मगध महिला कॉलेज कैंपस में रोड ट्रैफिक सेफ्टी अवेयरनेस एंड फ‌र्स्ट ऐड ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान कहीं। उन्होंने आगे बताया कि आज के समय में युवा स्टाइल व स्पीड में एक-दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं। ट्रैफिक रूल्स को तोड़ने में अपनी शान समझते हैं। बिना हेलमेट के वाहन चलाना, बाइक चलाते समय मोबाइल पर बात करना, रेड लाइट को क्रॉस करना, रांग साइड से एंट्री करना प्रचलन सा हो गया है।

इंडिया में रोड सेफ्टी में कई पेंच

इंडिया में सड़क हादसे की चार मुख्य वजहें हैं। पहला ट्रैफिक रूल की जानकारी लोगों में अधूरा या नहीं है। ट्रैफिक रूल लागू कराने वाली एजेंसियों के पास संसाधन, ट्रेनिंग व विल पॉवर वाले लीडरशिप की कमी है। देश के भीतर रोड इंजीनियरिंग में विदेशों की तरह रोड सेफ्टी के मानकों को पूरा नहीं किया जाता है। ट्रैफिक को कमांड करने के लिए सिस्टम सही नहीं है। मॉनेट्रिंग भी बड़ी समस्या है।

एनडीआरएफ ने रोड से सेफ्टी पर किया मॉक ड्रिल

प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नौ बिहार बटालियन के डिप्टी कमांडर महेंद्र सिंह ने स्टूडेंट्स को रोड सेफ्टी मानकों को फॉलो करने का सलाह दी। उन्होंने इस दौरान बताया कि सड़क हादसों को सौ परसेंट रोकना पॉसिबल नहीं है। हादसे के बाद हम कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिंदगियों को बचा सकते हैं, यह जरूरी है। हादसे के बाद फ‌र्स्ट साइट हमलोगों को कैसे फ‌र्स्ट ऐड दें, ताकि बेहतर इलाज के लिए उनको हॉस्पीटल पहुंचाया जा सके। ग्राउंड में अलग-अलग टीमों में बंटकर एनडीआरएफ की टीम ने मॉक ड्रिल कर स्टूडेंट्स को रोड सेफ्टी के बारे में कई जानकारी दी।

घर व सोसायटी में फैलाएं जागरूकता

प्रिंसिपल डॉ आशा सिंह ने ग‌र्ल्स को इस दौरान नशा से होने वाली हानि के बारे में सोसायटी में जागरूकता फैलाने का सलाह दी। उन्होंने शराब व अन्य नशा से होने वाले नुकसान के बारे में फैमिली मेंबर खासकर भाई, पापा-चाचा को इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने पर बल दिया। डॉ सिंह ने आगे बताया कि आज के समय युवा शराब पीना फैशन समझते हैं। सड़क हादसों में शराब पीकर वाहन चलाना मुख्य कारणों में से एक है। प्रोग्राम का आयोजन इंडियन ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर बोन एण्ड ज्वाइंट अवेयरनेस वीक (ख्9 जुलाई-ब् अगस्त) के तहत ट्रैफिक पुलिस एवं डिजास्टर रिलीफ फोर्स के सहयोग शहर के अलग-अलग हिस्सों में चलाया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ रंजीत सिंह, डॉ अमूल्या सिंह ने मुख्य रूप से संबोधित किया।