पटना ब्‍यूरो। आते हैैं तो बस लुटेे-पिटे, नशे की हालत में चालक या उपचालक। कुछ ऐसी ही वारदातें पटना में हुई हैं जिससेे ट्रांसपोर्टरों की नींद उड़ गई है।

डील करके पिकअप ले उड़ा


23 फरवरी को जहानाबाद के मेन गांव के रहने वाले रविकांत को एक फोन आता है। वह मूल रूप से जहानाबाद के रहने वाले हैं। पटना के पत्रकार नगर में रहते हैं। उनका ट्रांसपोर्ट का बिजऩेस है। फोन करने वाले शख्स ने कहा कि उन्हें भागलपुर से कुछ सामान पटना लाना है। इसके लिए पिकअप बैन की आवश्यकता है। रविकांत ने कहा कि फिलहाल तो उनका चालक उपलब्ध नहीं है। गाड़ी पर उपचालक है। ड्राइवर के आने के बाद ही गाड़ी जा पाएगी। इसके बाद अज्ञात शख्स रविकांत से उपचालक का नंबर मांगता है। रविकांत से नंबर लेने के बाद वह शख्स उपचालक मनोज से बात कर गाड़ी के पास पहुंच जाता है। उपचालक रविकांत को फोन कर इसकी पुष्टि करता है और कहता है कि पार्टी उसके साथ गाड़ी में बैठी हुई है। हमलोग चालक के आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसके ठीक एक घंटा बाद उन्हें ड्राइवर की ओर से सूचना दी गई कि गाड़ी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित अपनी जगह पर नहीं है। उपचालक का भी कोई पता नहीं चल पा रहा है।

दोनों के फोन से कोई रेस्पॉन्स नहीं


इसके बाद रविकांत अपने उपचालक को फोन करते हैं। रिंग होने के बाद भी फोन किसी ने भी रिसीव नहीं किया। फिर वे उस अज्ञात शख्स को फोन करते हैं। उस पर भी रिंग होता है लेकिन कोई रिसीव नहीं करता है। फिर अपने लेवल से गाड़ी की दिन भर खोज करते हैं। लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चलता। फिर इसकी सूचना डायल 112 को देते हैं। डायल 112 जब जीपीएस से लोकेशन ट्रेस करता है तब गाड़ी मुजफ्फरपुर में होने की बात सामने आती है।

बेटा हुआ है मिठाई खाओ
उपचालक मनोज को एक मिठाई खिलाई गई थी। मनोज बेहोशी की हालत में पटना के लालगंज में एक खेत में मिलता है। दो दिनों के बाद होश आने पर मनोज ने बताया कि उस शख्स ने कहा था कि बेटा हुआ है। इसी खुशी में उसने मिठाई खिलाई। मिठाई खाने के बाद कुछ याद नहीं है। उपचालक मनोज के अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर में डील करने वाला शख्स अकेले था। उसके बाद और लोग आएं होंगे।

समस्तीपुर में लास्ट लोकेशन


वाहन मालिक रविकान्त ने बताया कि गाड़ी संभव है अब भी बिहार में ही हो। क्योंकि दो दिन पहले जीपीएस ऑन हुआ था। तब लोकेशन समस्तीपुर आ रहा था।

कहीं भटकाने के लिए तो जीपीएस ऑन नहीं किया


दो दिन पहले लास्ट लोकेशन समस्तीपुर मिलने के बाद पुलिस वहां दो ठिकाने पर छापेमारी की थी। लेकिन पिकअप बैन का कुछ पता नहीं चला। पुलिस सूत्रों के अनुसार हो सकता है जांच को भटकाने के लिए जीपीएस खोलकर उसे समस्तीपुर ले जाकर ऑन तो नहीं किया गया। ताकि पिकअप को तब तक सीमा पार नेपाल पहुंचाया जा सके। क्योंकि अभी तक जीपीएस के मुजफ्फरपुर में लास्ट लोकेशन मिलने के बाद यह बन्द आ रहा था। लेकिन फिर से जीपीएस का ऑन होना और समस्तीपुर में लोकेशन दिखाने के बाद फिर बन्द हो जाना। चोरों की एक खास रणनीति की ओर भी इशारा करता है। जिसमें पुलिस की जांच को भटकाने की साजिश भी हो सकती है।

दो महीने पहले ही खरीदा था पिकअप


वाहन मालिक रविकान्त ने बताया कि पूरी तरह लुट चुके हैं। काफी कर्ज लेकर दो महीने पहले भी इसे खरीदा था। अब इस घटना को एक सप्ताह के करीब होने को है। अगर यह नहीं मिलती है। तब पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।

यह केस संज्ञान में है। पुलिस पिकअप को खोजने की कोशिश कर रही है। अपराधियों को जल्द पकड़ कर कानून के हवाले किया जाएगा।
-भारत सोनी, पटना एसपी ईस्ट