PATNA: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और बिहार, ओडिशा, झारखंड इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरीयत मो। वली रहमानी का सैटरडे को बेली रोड स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में दोपहर 2:50 बजे इंतकाल हो गया। वे कोरोना से संक्रमित थे। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, 28 मार्च को बुखार व सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जबकि 80 वर्षीय मो। वली रहमानी ने 18 मार्च को आइजीआइएमएस में कोरोना का टीका लिया था। उनके इंतकाल की खबर से इमारत-ए-शरिया के प्रधान कार्यालय फुलवारीशरीफ में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। उनका शव अस्पताल से सीधे मुंगेर खानकाह रहमानी ले जाया गया।

लिख चुके 26 किताब

मौलाना वली रहमानी का जन्म मुंगेर में पांच जून, 1943 को हुआ था। रहमानिया उर्दू प्राइमरी स्कूल से पांचवीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद जामिया रहमानी, दारूल उलूम लखनऊ व दारूल उलूम देवबंद से उच्च दीनी शिक्षा प्राप्त की। मदरसा शिक्षा के साथ मौलाना वली रहमानी भागलपुर विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री गोल्ड मेडल के साथ प्राप्त की थी। मो। वली रहमानी 26 किताबें लिख चुके थे। 1966 में नकीब पत्रिका के संपादक भी रह चुके थे। वह 1974 से 1996 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। नौ जनवरी, 1985 से 30 जुलाई, 1985 तक विधान परिषद के कार्यवाहक सभापति भी थे। मौलाना मो। वली रहमानी के पिता मौलाना मिनतुल्लाह रहमानी और उनके पूर्वज दीनी तालीम के विद्वान थे। नाना अ?दुल शकूर गया जिले के जिला जज थे। खुद मौलाना मो। वली रहमानी मुसलमानों को दुनियावी शिक्षा के साथ दीनी शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

आज 11 बजे जनाजे की नमाज

रविवार की सुबह 11:00 बजे पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किए जाएंगे। शव के साथ बड़े बेटे मो। फहद रहमानी भी थे, जबकि विदेश में कार्यरत एक बेटा और बेटी को उनके मौत की खबर दी गई है। इस्लामिक स्कॉलर में गिने जाने वाले मौलाना मो। वली रहमानी की मौत पर सीएम नीतीश कुमार समेत देश और दुनिया के अन्य नेताओं और विद्वानों ने शोक जताया है।