-शराबबंदी के साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़े गए अभियान को मिला समर्थन

-गांधी मैदान में गवर्नर फागू चौहान ने किया ध्वजारोहन

-10 हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई कोरोना पीडि़तों को राहत देने में

PATNA: बिहार में सरकार की ओर से लागू समाज सुधार कार्यक्रमों से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई। शराबबंदी के साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़े गए राज्यव्यापी अभियान को लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिला है। इससे राज्य प्रगति के पथ पर है। ये बातें गवर्नर फागू चौहान ने 72वें गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में आयोजित राजकीय समारोह में ध्वजारोहण के बाद अभिभाषण के दौरान कहीं। उन्होंने विकास और कोरोना काल की चुनौतियों से निपटने में सरकार के कार्यो की विस्तृत चर्चा की। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के दौरान जांच और इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। अब भी राज्य में प्रतिदिन लगभग एक लाख जांच हो रही है। प्रति दस लाख जनसंख्या पर एक लाख 58 हजार 478 लोगों की जांच की जा चुकी है। कोरोना का रिकवरी रेट 98.32 फीसद है। जांच और रिकवरी दोनों ही मामलों में बिहार की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। यही वजह है कि यहां कोरोना कुछ हद तक नियंत्रित है। अभी राज्य में कोरोना के एक्टिव केस 2,900 रह गए हैं।

जीविका के जिम्मे तालाब

राज्यपाल ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्य मिशन मोड में हो रहे हैं। इस अभियान से सृजित तालाब और पोखर के रख-रखाव और उसमें मत्स्यपालन के लिए जीविका को देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है।

हर स्तर पर डेवलपमेंट

गवर्नर ने कहा कि राज्य में हर क्षेत्र में विकास और सबका उत्थान हो रहा है। यह न्याय के साथ विकास के मंत्र पर कानून का राज स्थापित होने का नतीजा है। क्राइम, क्रप्शन और कम्यूनलिज्म से कोई भी समझौता सरकार नहीं कर रही है। पदों का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वालों पर कठोर कार्रवाई हो रही है। गवर्नर ने कहा कि वंचित वर्ग का दाखिला सुनिश्चित करने और लड़कियों को प्रोत्साहित करने के कई प्रयास किए गए हैं। पांच हजार 82 पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूलों की स्थापना की जा चुकी हैं। तीन हजार 304 पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू हो गई।