- एनजीटी के निर्देशानुसार 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बालू उत्खनन पर लगने वाले रोक से निपटने की कवायद शुरू

- नदियों के तट से 300 फीट की दूरी तक बालू का भंडारण कर सकते हैं बंदोबस्तधारी

- 300 फीट से एक किमी की दूरी तक भंडारण के लिए लेना होगा लाइसेंस

क्कन्ञ्जहृन्: खान एवं भूतत्व विभाग ने इस साल बालू संकट से निपटने की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। विभाग ने जिलास्तर पर बालू का भंडारण करने के लिए लाइसेंस जारी करने का प्रावधान किया है। ताकि जब एनजीटी के निर्देशानुसार 1 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू का उत्खनन बंद किया जाएगा, तब निर्माण कार्यों के लिए राज्य को बालू संकट का सामना न करना पड़े।

खुदरा व्यापारियों को भी लाइसेंस

विभाग ने बालू का उत्खनन करने वाले बंदोबस्तधारियों को नदी से तीन सौ फीट तक की दूरी पर बालू के भंडारण की अनुमति दी गई है। यदि बंदोबस्तधारी नदी तल से एक किलोमीटर की दूरी तक बालू का भंडारण करना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए विभाग से लाइसेंस लेना होगा। इस बार जिलों में खुदरा व्यापारियों को भी जिलास्तर पर बालू भंडारण का लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान किया है। ऐसे लाइसेंसधारी जिले में किसी भी स्थान पर बालू का भंडारण कर सकते हैं। ज्ञात हो कि पिछले साल 1 जुलाई से 30 सितंबर तक राज्य की सभी नदियों से बालू का उत्खनन बंद होने पर राज्य में बालू संकट उत्पन्न हो गया था।

हर साल 1 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू उत्खनन पर प्रतिबंध लगने के बाद बालू के भंडारण का प्रावधान बिहार राज्य लघु खनिज समनुदान नियमावली, 1972 में किया गया है। नियमावली के नियम-39 के तहत विभाग से लाइसेंस लेकर पर्याप्त मात्रा में बालू का भंडारण किया जा सकता है। ताकि बरसात के दिनों में बालू की कीमत को नियंत्रित किया जा सके।

-संजय कुमार, उप निदेशक, खान एवं भूतत्व विभाग