- यूपी के बलिया से सारण के मांझी होकर आने वाले बड़े वाहन फंसे

PATNA: सारण के मांझी में यूपी और बिहार को जोड़ने वाले सरयू नदी पर बने जयप्रभा सेतु पर खतरा मंडराने लगा है। सेतु के दक्षिणी मुहाने पर भीषण कटाव के कारण एप्रोच सड़क ध्वस्त हो गई है। इसका आधा हिस्सा पानी में बह गया है। दोनों प्रदेश की पुलिस ने सेतु से होकर भारी वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी है। 50 मीटर के व्यास में सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। पिच के नीचे का भाग खोखला हो गया है। छोटे वाहनों को रोककर सुरक्षित तरीके से पार कराया जा रहा है।

दोनों ओर वाहन फंसने से परेशानी

सेतु से होकर बह रहा पानी कटाव वाले स्थान पर लगातार गिर रहा है, जिससे सड़क पर कटाव का दायरा बढ़ता चला जा रहा है। सेतु के उत्तरी मुहाने पर एप्रोच सड़क भी धंस गई है तथा बिहार प्रशासन द्वारा लगाया गया प्रवेश द्वार लटककर टेढ़ा हो गया है। दोनों तरफ सैकड़ों लोडेड भारी वाहन फंस गए हैं। सारण जिला प्रशासन का कहना है कि वर्षा थमने के बाद ही ध्वस्त एप्रोच सड़क का निर्माण सम्भव है।

जलस्तर बढ़ने से तटबंध क्षतिग्रस्त

सारण में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। तीन दिनों की तूफानी बारिश ने गंडक तटबंध पर खतरा बढ़ा दिया है। अमनौर प्रखंड में आधा दर्जन जगहों पर यह तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां के कुआरी व मधुबनी गांव के निकट बांध की हालात ज्यादा खराब हो गई है। वहीं तरैया के अरदेवा व अमनौर के कुआरी गांव के पास स्लुईस गेट पर खतरा बढ़ गया है। तरैया प्रखंड में भी कई जगह बांध कमजोर हो गया है। यह वही तटबंध है जो पिछले साल गोपालगंज जिले में टूट गया था और सारण जिले के सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे।

गोपालगंज में स्मृति द्वार ध्वस्त

गोपालगंज के कुचायकोट में चक्रवाती तूफान के प्रभाव से हो रही बारिश के कारण बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा के पास एनएच पर बिहार स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर बना स्मृति द्वार शुक्रवार को ध्वस्त हो गया। पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश और तेज हवा की मार स्मृति द्वार झेल नहीं पाया। 1987 में जिला प्रशासन ने बिहार के इंट्री प्वाइंट एनएच 27 पर दोना बाबा मंदिर के पास स्मृति द्वार बनवाया था। रखरखाव के अभाव में यह जर्जर हालत में था। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश और तेज हवाओं की मार यह स्मृति द्वार नहीं झेल पाया और इसका एक स्तंभ शुक्रवार को ध्वस्त हो गया।