पटना(ब्यूरो)। फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के जानीपुर मुर्गीयचक में बुधवार सुबह अपनी संपत्ति हाथी के नाम करने वाले अख्तर इमाम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्होंने अपनी करीब पांच करोड़ रुपए की संपत्ति हाथियों के नाम कर दी थी। इस कारण वह पूरे इलाके में हाथी वाले मुखिया और हाथी काका के नाम से फेमस थे। वह बोधगया में ऐरावत नाम की संस्था भी चलाते थे।

पास से मारी 8 गोलियां
फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि चार-पांच की संख्या में आए अपराधियों ने अख्तर को पहले उनके घर से थोड़ी दूरी पर स्थित उस जगह लेकर गए जहां वह अपने हाथियों को रखते थे। इसके बाद अपराधियों ने अख्तर को करीब आठ गोलियां मारी। गोलियां गर्दन, सीने व पेट को निशाना बनाकर मारी गई। इसके बाद फरार हो गए। फायरिंग से इलाके में हड़कंप मच गया। गोली लगने के बाद अख्तर को लोगों ने आननफानन में एम्स पटना लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया संपत्ति विवाद में हत्या किए जाने की आशंका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

संपत्ति से बेटा को किया था बेदखल
जून, 2020 में अख्तर रातोंरात तब चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने अपने बेटे को गलत रास्ते पर चल जाने की बात कहते हुए अपनी आधी संपत्ति अपनी पत्नी तथा आधी संपत्ति हाथियों के नाम कर दी थी। उन्होंने दोनों हाथियों मोती व रानी के नाम के दस्तावेज भी रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर बनवाया था। तब उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनको कुछ हो जाता है तो संपत्ति ऐरावत संस्था के नाम हो जाएगी ताकि हाथियों का संरक्षण किया जा सके। तब अख्तर ने यह भी बताया था कि जायदाद को लेकर उनके बेटे ने झूठा आरोप लगाकर जेल भेजवा दिया था और जांच के बाद आरोप गलत पाया गया। इसलिए वह बेटे को संपत्ति से बेदखल कर हाथियों के नाम संपत्ति कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, अख्तर का बेटा मेराज वर्ष, 2019 से ही पटना के बेउर जेल में बंद है। मेराज ने दानापुर कोर्ट से भागने के क्रम में एक कांस्टेबल के सिर में ही गोली मार दी थी। तब यह जानकारी सामने आई थी कि मेराज को कोर्ट में बंदूक उसकी गर्लफ्रेंड रेशमा ने लाकर दी थी।