PATNA : आसमान से आग बरस रही है और लोग एसी कल्चर के आदी हो रहे हैं। इस आदत ने टेप्रेचर अटैक का खतरा बढ़ा दिया है। इसका असर बॉडी के हर अंग पर पड़ रहा है लेकिन सबसे अधिक प्रभावित हार्ट को करता है। गर्मी से ठंड और ठंड से अचानक गर्म में जाने से सेहत को बड़ा नुकसान हो रहा है।

डॉक्टर्स से मिले आंकड़ों की बात करें तो पटना में गर्मी के दिन में फेफड़ा और हृदय रोग के पेसेंट की संख्या 30 से 40 प्रतिशत बढ़ जाती है। इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ओपीडी में मरीजों की संख्या 200 पार हो गई है।

घातक है टेप्रेचर अटैक

डॉक्टर्स बताते हैं कि गर्मी के मौसम में लोग अक्सर गलती कर देते हैं। अधिकतर लोग एसी में रहने के आदी होते जा रहे हैं। वह धूप से ठंड में आने जाने को लेकर सावधानी नहीं बरत पाते हैं जिससे सेहत पर बड़ा अटैक होता है। डॉक्टर्स का तो यहां तक कहना है कि गर्मी के दिनों में हार्ट अटैक का यह कल्चर भी बड़ा कारण है।

गर्मी में बढ़ जाते हैं फेफड़ा और दिल के मरीज

डॉक्टर्स की मानें तो गर्मी के मौसम में हृदय और फेफड़े में संक्रमण के पेसेंट की संख्या बढ़ जाती है। सबसे अधिक खतरा हृदय और फेफड़े को ही होता है। ठंडा और गर्म में इन दोनों अंगों पर बड़ा अटैक होता है। इस कारण से ही लोगों को टेप्रेचर मेंटने करने को कहा जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि अगर ठंड से गर्म में या गर्म या ठंड में जाना है तो पहले बॉडी का तापमान मेंटन कर लिया जाए।