पटना (ब्यूरो)। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त तत्वाधान में एचआईवी एड्स एक्ट 2017 अंतर्गत बाल अधिकार विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य अधिनियम अंतर्गत प्रावधानित बाल कल्याण समिति के दायित्वों के प्रति उन्मुखीकरण किया जाना था ताकि राज्य के एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों एवं प्रभावित बच्चों के अधिकारों का संरक्षण किया जा सके।

इस कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग यूनिसेफ के द्वारा दिया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति - सह - कार्यकारी अध्यक्ष, बालसा एहसानउद्दीन अमानुल्लाह उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त बिहार के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त ओमप्रकाश, पटना उच्च न्यायालय के पूर्व महानिबंधक बिधु विनोद पाठक, समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत कुमार तथा बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक अंशुल अग्रवाल, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त सचिव धृति जसलीन शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।


इस अवसर पर न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने अपने संबोधन में यह कहा कि एच.आई.वी। संक्रमितों को समाज में रहने का समान अधिकार है, एवं संक्रमितों के अधिकारों के संरक्षण के लिए बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार हमेशा तत्पर है.बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक अंशुल अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि समिति बाल अधिकारों की रक्षा करने के प्रति प्रतिबद्ध है साथ ही उन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़कर अधिक से अधिक लाभान्वित करने की दिशा में समिति तेजी से कार्य कर रही है। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक एन के गुप्ता, संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा, बिहार राज्य विधिक सेवा आयोग के संयुक्त सचिव धृति जसलीन शर्मा निबंधक रोहित कुमार, समिति के सहायक निदेशक सरिता कुमारी तथा सभी जिलों से आए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रतिनिधि शामिल थे।