-निगम संस्थानों पर कसेगा शिकंजा

PATNA :

पटना नगर निगम क्षेत्र में कचरा शुल्क वसूलने का जनवरी से प्रावधान है। लेकिन अब तक छोटे घर तो क्या बड़े संस्थान और होटल ने शुल्क नहीं दिया है। नगर निगम की डोर टू डोर गाडि़यां कचरा वसूली करती हैं उन्हें कचरे का शुल्क भी वसूल करना है। हालांकि, नगर निगम की तरफ से शुरुआत में सिर्फ इसकी घोषणा ही की गई थी। शुल्क वसूल करने की व्यवस्था नहीं की गई। पिछले साल जुलाई महिने के बाद बड़े प्रतिष्ठान और बाजार के साथ होटल से कचरा शुल्क वसूलने की प्रकिया शुरू हुई तो संस्थाएं चार्ज देने में आनाकानी करने लगीं।

एक मुश्त वसूला जाएगा कचरा शुल्क

नगर निगम की तरफ से पांच-छह माह का एक मुश्त कचरा शुल्क वसूला जा रहा है। निगम प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रतिमाह दो से ढाई करोड़ रुपए कचरा शुल्क से वसूली होगी, जिसे वाहनों के मेंटेनेंस, डीजल व अन्य कायरें पर खर्च किया जा सके। लेकिन ये वसूली नहीं हो पाने से निगम को करोड़ो रुपए का घाटा हो रहा है।

मैरेज हॉल नहीं मान रहे नियम

निगम क्षेत्र में हर वार्ड व मुहल्ले में छोटे-बड़े मैरेज हॉल संचालित हो रहे हैं। निगम अधिकारियों की ओर से कराए गए सर्वे के अनुसार मैरेज हॉल व कम्युनिटी हॉल की संख्या एक हजार से अधिक है। इनसे प्रतिमाह ढाई हजार रुपए कचरा शुल्क के रूप में वसूलना है। इन संस्थानों को कई बार नोटिस दिया गया इसके बावजूद ये शुल्क नहीं दे रहे हैं।

घरों से लेना है 30 रुपए

शहर में पांच लाख से अधिक मकान हैं। जिनमें पांच लाख से अधिक परिवार रह रहे है। प्रत्येक हाउस होल्ड से प्रतिमाह 30 रुपए की वसूली की जाएगी। जिससे निगम को करीब 1.5 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति होगी। नगर निगम के कंकड़बाग, नूतन राजधानी अंचल व पाटलिपुत्र अंचल में तेजी से शुल्क वसूला जा रहा है। ऑनलाइन भुगतान की भी सुविधा है।

कचरा शुल्क (रुपए में)

आवास -30

मिठाई दुकान व ढाबा-कॉफी हाउस -100

रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, हॉस्टल, स्टार होटल, व्यावसायिक कार्यालय, सरकारी कार्यालय, बैंक व इंश्योरेंस कार्यालय, कोचिंग व शैक्षणिक संस्था और लघु व मध्यम उद्योग - 500

क्लिनिक, डिस्पेंसरी व लैब -250 अस्पताल 50 बेड - 1500

अस्पताल 50 बेड से अधिक -3000

गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, विवाह भवन,

हॉल व मेला -2500

कई बार अंचल स्तर से शुल्क वसूलने की प्रकिया की गई है। लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। मुख्यालय में इनको अंतिम बार नोटिस भेजा जा रहा है। इसके बाद कानूनी कार्रवाई होगी।

- शीला ईरानी, अपर नगर आयुक्त (सफाई) पटना नगर निगम